जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रहीं महाविकास आघाडी सरकार

  • केन्द्रीय मंत्री रावसाहब दानवे का आरोप

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औरंगाबाद. राज्य की महाविकास आघाडी सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हुआ. एक साल के कार्यकाल में ठाकरे सरकार जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने में नाकाम हुई है. विशेषकर इस सरकार के कार्यकाल में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े है. जिससे राज्य की महिलाएं इस सरकार में अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही है. यह आरोप केन्द्रीय मंत्री रावसाहब दानवे ने यहां लगाया.

राज्य की महाविकास आघाडी सरकार के एक साल के कार्यकाल पर आयोजित पत्रकार परिषद में दानवे ने ठाकरे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गत वर्ष संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने भाजपा-शिवसेना को स्पष्ट बहुमत दिया था. राज्य की एक करोड़ 42 लाख जनता ने भाजपा को वोट दिया था. साथ ही शिवसेना को 94 लाख, एनसीपी को 92 लाख और कांग्रेस को 82 लाख मतदाताओं मतदान किया था.

शिवसेना को नहीं दिया गया था आश्वासन 

शिवसेना ने भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का आश्वासन दिए जाने का झूठा ढिंढोरा पिटा और हम से अलग हुए. दानवे ने बताया कि मैं गत वर्ष भाजपा अध्यक्ष था. तब शिवसेना को सीएम पद का कोई आश्वासन नहीं दिया गया था. सत्ता के लिए राज्य में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार का गठन हुआ है. इस  सरकार के कार्यकाल में महिलाओं पर सबसे अधिक अत्याचार बढे़ हैं. कोरोनाकाल में राज्य भर के क्वारंटाइन सेंटर में महिलाओं के साथ बलात्कार और छेड़छाड़ की कई घटनाएं घटी. ऐसे में  हमने सरकार से इन घटनाओं में लिप्त आरोपियों को जमानत न देने की मांग की थी, लेकिन उन आरोपियों को जमानत मिली. दानवे ने आरोप लगाया इन सारी नीतियों से साफ है कि महाविकास आघाडी सरकार महिलाओं के प्रति काफी उदासीन है. 

मराठा आरक्षण देने में ठाकरे सरकार उदासीन 

गत एक वर्ष में शिक्षा क्षेत्र सबसे कमजोर हुआ. मराठा आरक्षण का प्रश्न हल करने को लेकर  सरकार की उदासीनता से मराठा समुदाय में इस सरकार के खिलाफ रोष है. लोकसेवा आयोग की परीक्षा कब होगी, सरकारी नौकर भर्ती कब होगी? इसका कोई जवाब ठाकरे सरकार के पास नहीं हैं. मराठा आरक्षण को अधिक समय तक न्यायालय से स्थगित रही तो प्रवेश प्रक्रिया में कई दिक्कतें आएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार को मराठा आरक्षण देने में कोई दिलचस्पी नहीं है. आरक्षण को लेकर यह सरकार लापरवाह है. स्कूल शुरु करने को लेकर तीनों दलों में कोई तालमेल नहीं है. 1 जनवरी से नया शैक्षणिक वर्ष शुरु करने की मांग भाजपा की ओर से की गई थी. उस पर सरकार कोई निर्णय नहीं ले पा रही है क्योंकि 3 दलों में इसको लेकर खिंचतान जारी है.

कोरोनाकाल में जनता को सुविधाएं देने में नाकाम रहीं सरकार 

दानवे ने आरोप लगाया कि कोरोनाकाल में भी ठाकरे सरकार जनता को बेहतर सुविधाएं देने में नाकाम रहीं. कोरोना काल में जनता को दी गई स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ.जनता को बेहतर सुविधाएं न मिलने से राज्य की जनता इस महामारी से बड़े पैमाने पर संक्रमित होने का आरोप दानवे ने लगाया.