हस्तांतरण से पूर्व नक्षत्रवाडी के टीडीआर की परस्पर बिक्री

  • अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
  • शिवसेना नेता राजू वैद्य ने लिया आक्षेप

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औरंगाबाद. शहर के नक्षत्रवाडी गुट सं.111 में मनपा द्वारा टीडीआर का हस्तांतरण न किए जाने के बावजूद उसे संबंधितों ने बेच डाला. परस्पर बेचे हुए टीडीआर की जानकारी महानगर पालिका को है. 

इसके बावजूद उस टीडीआर को हस्तांतरित करने की गड़बड़ी प्रशासन की ओर से की जा रही है. इस पर मनपा की स्थायी समिति के पूर्व सभापति और सेना नेता राजू वैद्य ने आक्षेप लिया है.

25 करोड़ की जगह महज 20 लाख रुपए में बिक्री

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि नक्षत्रवाडी के गुट सं.111 में  मनपा के प्रस्तावित विकास प्रारुप के 12  और 15 मीटर लंबाई की सड़क है. यह सड़क कब बनेगी? इस पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है. इसमें इस गुट नंबर के 2255 वर्ग  मीटर का भूखंड बाधित हो रहा है. नकद मुआवजे के बजाए मनपा बाधितों को टीडीआर देगी. उसकी प्रक्रिया अभी जारी होने के बावजूद इसका व्यवहार एक जनवरी 2019 को शुरु हुआ. वैद्य ने बताया कि विशेष रुप से बाजार दाम के अनुसार 25 करोड़ रुपए के इस परिसर की 20 लाख रुपए में बिक्री होने की जानकारी फाइल के माध्यम से सामने आयी. 

 नागरिकों के आक्षेप मांगे

इसको लेकर 28 जून 2018 को विशेष मुख्त्यार नामा तैयार किया गया. इस बारे में मनपा ने 2 नवंबर 2020 को जाहिर प्रगटन  देकर टीडीआर देने को लेकर नागरिकों के आक्षेप मांगे. टीडीआर मिलनेवाला है, इसलिए जो भूखंड मनपा का हैं, उस पर पहले ही व्यवहार होने की बात सामने आयी. इस पर मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय ने ध्यान देने की मांग भी राजू वैद्य ने की है. उन्होंने बताया कि मनपा प्रशासन को इस मामले में पहले ही टीडीआर बिक्री होने की जानकारी है. मालिक के रुप में अरविंद पुंडलीक धामने का नाम है. इसलिए जिसने यह टीडीआर खरीदा है, उसकी कोई खातरजमा नहीं की गई. साथ ही पहले अन्य जो भूखंड मनपा ने लिए, उसे संरक्षित करना जरुरी है. जिस सडक पर अब तक यह निर्णय नहीं हुआ, वहां टीडीआर देने की गडबड ना करें. पहले ही टीडीआर बिक्री होने से मनपा को धोखा हो सकता. सरकार स्तर पर इससे पूर्व के टीडीआर की जांच जारी है. वह पूरी होने के बाद ही अगली कार्रवाई करने की मांग राजू वैद्य ने करते हुए उसका इससे पूर्व मुआवजा दिया गया हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने की मांग भी की.