Government's big decision amid rising corona virus case in England, now all adults will be screened twice in a week
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    औरंगाबाद. मराठवाड़ा (Marathwada) के एक मात्र सबसे बड़े सरकारी अस्पताल घाटी की डीन डॉ. कानन येलीकर (Dean Dr. Kanan Yelikar) बीते सप्ताह कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाई गयी थी। उनके पॉजिटिव पाए जाने के कुछ दिनों बाद ही औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) की मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Chief Medical Officer) डॉ. नीता पाडलकर (Dr. Neeta Padalkar) कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। विशेषकर, दोनों डॉक्टरों ने कोरोना का टीका भी लिया था, इसके बावजूद दोनों आला रैंक के डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से सरकार द्वारा कोरोना महामारी से बचने के लिए उपलब्ध कराई जा रही वैक्सीन पर कई सवाल उठ रहे है।

    मनपा सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार शाम में डॉ. पाडलकर की अचानक तबियत खराब होकर उन्हें बुखार आया। उन्होंने  तत्काल एंटीजन टेस्ट कराया, रिपोर्ट शनिवार देर शाम आई  जिसमें डॉ. पाडलकर पॉजिटिव पाई गई। उनकी तबियत खराब होने के बाद वह अपने घर में रहकर इलाज करा रही है। मनपा सूत्रों ने बताया कि एक पखवाड़ा पूर्व ही उन्होंने कोरोना से बचने के लिए दूसरा टीका लगवाया था। उसके बाद भी डॉ. नीता पाडलकर कोरोना संक्रमित पाए जाने पर आश्चर्य जताया जा रहा है।

    घाटी अस्पताल की डीन भी कोरोना पॉजिटिव मिली थी

    गौरतलब है कि बीते सप्ताह सरकारी घाटी अस्पताल की डीन डॉ. कानन येलीकर पॉजिटिव पायी गयी थी। डॉ. येलीकर ने भी जनवरी और फरवरी माह में कोरोना के दो टीके लगाए थे। इसके बावजूद वह कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर आश्चर्य जताया जा रहा था। डॉ. येलीकर के बाद डॉ. पाडलकर कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद लोग  कोरोना वैक्सीन को लेकर कई सवाल उपस्थित कर रहे हैं।

    हर दिन हजारों मरीज मिलने से प्रशासन सक्ते में 

    उधर, शहर में बीते एक पखवाड़े से कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। हर दिन एक हजार से अधिक मरीज पाए जाने से प्रशासन के समक्ष संक्रमित मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर में इलाज कराना टेढी खीर साबित हो रहा है। ऐसे में प्रशासन  कोरोना महामारी से मामूली रुप से संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने तरजीह दे रहा है। वर्तमान में 2 हजार से अधिक मरीज होम होम आइसोलेशन में है।