औरंगाबाद. शहर के लाईफ लाईन समझे जानेवाले जालना रोड़ पर बाबा पेट्रोल पंप (Baba Petrol Pump) से कैम्ब्रिज चौक (Cambridge Chowk) तक एकल उड़ान पुल बनाने के लिए औरंगाबाद (Aurangabad) के एक भी जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रयास न करने पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी (Union Road Transport Minister) ने आश्चर्य जताते हुए औरंगाबाद के वर्तमान सांसद इम्तियाज जलील के प्रयासों पर फिर एक बार जालना रोड़ पर बने तीन उड़ान पुल को मध्यस्थान से कनेक्ट करते हुए एक ही उड़ान पुल बनाने के लिए प्रयास तेज कर दिए है।
इसके लिए उन्होंने नेशनल हाईवे के अधिकारियों को एक माह के भीतर जालना रोड़ का सर्वे करने के आदेश दिए है। साथ ही जालना रोड़ पर चिकलथाना एयरपोर्ट के सामने बनाए जानेवाले चौथे उड़ान पुल के निर्माण को रद्द करने के आदेश भी सड़क परिवहन मंत्री गड़करी ने दिए जाने की जानकारी सांसद जलील ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व मैंने देश के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी से दिल्ली में मुलाकात कर शहर के लाइफ लाईन समझे जानेवाले जालना रोड़ के अमरप्रित अथवा आकाशवाणी चौक में उड़ान पुल बनाने पर लंबी चर्चा की। चर्चा के दरमियान चिकलथाना एयरपोर्ट के सामने 72 करोड़ खर्च कर बनाए जानेवाले उड़ान पुल का सांसद जलील ने विरोध किया।
सांसद जलील ने बताया कि गड़करी ने जालना रोड़ पर एक ही उड़ान पुल बनाने पर जोर दिया। इसको लेकर उन्होंने उक्त महामार्ग पर बने तीन उड़ान पुल को मध्य स्थान से जोड़कर पूरे जालना रोड़ पर एक ही उड़ान पुल बनाने के लिए नेशनल हाईव के अधिकारियों को सुझाव दिया। सांसद जलील ने बताया कि मैंने देश और राज्य के अन्य शहरों में बाहर क्षेत्र से आनेवाले वाहनों को जाने के लिए बन रहे अथवा बनाए गए उड़ान पुलों की जानकारी दी। जिसके बाद गड़करी ने जालना रोड पर एक ही उड़ान पुल बनाने के लिए हर तरह की मदद का आश्वासन दिया। चर्चा में जालना रोड़ के कैम्ब्रिज चौक से क्रांति चौक अथवा प्रिंट टैवल तक एक ही उड़ान पुल बनाने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।
एक उड़ान पुल के लिए चाहिए महानगरपालिका और राज्य सरकार का साथ
सांसद जलील ने बताया कि जालना रोड़ पर एक उड़ान पुल बनाने के लिए कुछ इलाकों में जमीन एक्वायर करनी होगी। उसके लिए औरंगाबाद महानगरपालिका और राज्य सरकार की मदद लगेगी। भविष्य में जालना रोड़ पर निर्माण होनेवाले यातायात की गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए एक ही उड़ान पुल का निर्माण जरुरी है। गड़करी ने एक ही उड़ान पुल पर तीन लेयर की सड़के बनाने के लिए हामी भरी। साथ ही गड़करी ने कहा कि जब तक मैं इस विभाग का मंत्री हूँ, तब तक उक्त उड़ान पुल का काम कराने पर जोर दिया। जलील ने बताया कि लंबी चर्चा के बाद गड़करी ने जालना रोड़ पर स्थित चिकलथाना एयरपोर्ट पर बननेवाले उड़न पुल के निर्माण को रद्द करने के आदेश दिए। गड़करी के इस निर्णय पर सांसद जलील ने खुशी जाहिर करते हुए शहर सहित जिले के सभी जनप्रतिनिधियों से इस मामले में साथ देने की अपील की।
खेल विश्वविद्यालय के लिए मंत्रियों को दिखाए जाएंगे काले झंडे
सांसद जलील ने औरंगाबाद में स्थापित होनेवाले खेल विश्वविद्यालय को पुणे में स्थापित करने के लिए, राज्य सरकार के निर्णय पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ठाकरे सरकार जब तक इस निर्णय को रद्द नहीं करेगी, तब तक एमआईएम का आंदोलन जारी रहेगा। खेल विश्वविद्यालय के लिए शहर में आनेवाले हर मंत्री को काले झंडे दिखाकर घेराव किया जाएगा। उन्होंने शहर के विकास के लिए स्थानीय नागरिकों की चुप्पी पर भी कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यहां के लोगों के दिल मुर्दा हो चुके है। खेल विश्वविद्यालय औरंगाबाद में स्थापित करने के लिए खेल संगठनाएं, अभिभावकों से भी आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील सांसद जलील ने की।
मुस्लिम आरक्षण देने कब पहल करेंगी ठाकरे सरकार
इन दिनों राज्य में धर्मनिरपेक्ष तीन दलों की सरकार है। जब राज्य में देवेंद्र फडणवीस की सरकार थी, तब विरोधी दल कांग्रेस-एनसीपी मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने को लेकर खूब हंगामा करते थे। अब उनकी सरकार है, फिर इस सरकार को मुस्लिम समुदाय को 5 प्रतिशत आरक्षण देने किसने रोक लगायी? यह सवाल सांसद जलील ने कर कांग्रेस-एनसीपी पर खूब राग अलापा।
संसद न चलने को लेकर सरकार और विपक्षी की सांठगांठ
इन दिनों लोकसभा का अधिवेशन जारी है। लोकसभा के अधिवेशन पर 200 करोड़ से अधिक की राशि खर्चा होती है। हर दिन अधिवेशन आरंभ होते ही विरोधी दले संसद पहुंचकर हंगामा करते, जिसके बाद सत्ताधारी अधिवेशन को दिन भर के लिए स्थगित करते है। बीते कई दिनों से जारी इस खेल से यह साफ हो रहा है कि सत्ताधारी और विरोधी दल कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, समाजवादी पार्टी के बीच अधिवेशन न चलनेे को लेकर सांठगांठ है। इसका सबसे अधिक फायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हो रहा है। अधिवेशन में फोन टैपिंग के मुददे पर चर्चा होना जरुरी है। सरकार को किसी के फोन टैपिंग करने का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद सरकार मनमानी करते हुए पत्रकारों और राजनीतिक दलों के फोन टैपिंग अवैध रुप से करने का आरोप सांसद जलील ने लगाया। उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग के मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में आकर इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए। परंतु, वे इससे कन्नी काट रहे है।