7 माह में 2 लाख  से अधिक पीपीई किट का इस्तेमाल

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  • इलाज करनेवाले स्वास्थ्य कर्मियों में बडी पीपीई किट की डिमांड  

औरंगाबाद. शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में आए दिन इजाफा होने के साथ ही उन पर इलाज करनेवाले डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए जरुरी पीपीई किट की डिमांड भी काफी बढ़ी है. आज तक जिले में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 30 हजार पार कर चुका है. उन मरीजों पर इलाज के लिए पिछले 6 माह में 2 लाख से अधिक पीपीई किट का इस्तेमाल किया गया, बल्कि शहर के कोरोना संक्रमित मरीजों पर इलाज के लिए और 50 हजार से अधिक पीपीई किट खरीदे जाएंगे.

मनपा ने खरीदे थे 36 हजार किट

मनपा के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि शहर में अप्रैल एंड में अचानक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होने के बाद उन पर इलाज करनेवाले डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी इस महामारी से बचे, इसके लिए पीपीई किट उपलब्ध कराए गए. कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बाद लोगों को पीपीई किट क्या है, इसकी जानकारी मिली. मई माह में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ तेजी से बढऩे पर डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट, मास्क, गॉगल का इस्तेमाल कर शहर के संक्रमित इलाकों में काम कर रहे थे. बाधित मरीज से उपाय योजना करनेवाले संक्रमित ना हो, इसके लिए आरंभ में मनपा प्रशासन ने 36 हजार पीपीई किट की  खरीदी की थी. इसी दरमियान सरकार की ओर से 8 हजार किट मनपा को उपलब्ध हुए.  मनपा ने अब तक 45 हजार किट का इस्तेमाल किया है. वहीं, जिले भर में 2 लाख से अधिक  पीपीई किट का इस्तेमाल हुआ.

बायोमेडिकल स्कैब भी बढ़ा

मनपा सूत्रों ने बताया कि किट के चलते कोरोना काल में बायोमेडिकल का कचरा बढ़ा है. मनपा द्वारा नियुक्त किए गए ठेकेदार यह कचरा संकलित कर उसकी शास्त्रोक्त पध्दति से उसे डिस्पोज किया जा रहा है.