औरंगाबाद. कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए सरकारी स्तर पर लॉकडाउन जारी है. जिससे व्यापार पेठ के साथ-साथ उद्योग धंधे पूरी तरह बंद है. इसका आर्थिक असर लंबे समय तक दिखाई देगा. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस बारे में देश भर के विविध क्षेत्र के मान्यवर, तज्ञ, सोशल वर्करों से संवाद साधा जा रहा है.
इसी कडी में प्रधानमंत्री कार्यालय ने औरंगाबाद फेडरेशन ऑफ शेन्द्रा डीएमआयसी एंड एग्रीकल्चर संगठन के अध्यक्ष, श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमेटी के दिल्ली के उपाध्यक्ष इंजी.मिलिंद पाटिल से संपर्क कर लॉकडाउन व कोरोना महामारी को लेकर सुझाव लिए.
पूरे जिले के व्यवहार बंद रखना उचित नहीं
इन सुझावों में इंजी. पाटिल ने पीएम कार्यालय को बताया कि लॉकडाउन से इस महामारी को रोकने में बड़े पैमाने पर कामयाबी मिली है. लेकिन, अधिक समय तक लॉकडाउन रखने से उद्योग धंधे, प्रतिदिन के व्यवहार पूरी तरह ठप्प हुए है. कोरोना महामारी का समयावधि निश्चित नहीं है. ऐसे में समतोल बनाए रखकर वास्तववादी निर्णय लेने होंगे. यह सलाह इंजी. मिलिंद पाटिल ने पीएम कार्यालय को दी. उन्होंने बताया कि कोरोना मरीजों की संख्या पर सरकार ने अलग-अलग जोन निश्चित किए है. औरंगाबाद शहर में बड़े पैमाने पर मरीज मिलने से यह शहर रेड जोन में है, परंतु ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना पीडित मरीजों की संख्या उंगलियों पर गिननी इतनी है. ऐसे में पूरे जिले के व्यवहार बंद रखना उचित नहीं है.
बड़े पैमाने पर जनजागृति करने की जरुरत
सरकार तहसील निहाय जोन तय कर जिन तहसीलों में आज तक एक भी मरीज नहीं मिला, वहां के प्रतिदिन के व्यवहार, व्यापार, खेती उद्योग फिर सूचारु करें. जनता में सोशल डिस्टेन्सिंग, सैनिटायजर का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो इसको लेकर बड़े पैमाने पर जनजागृति करने पर इंजी. पाटिल ने पीएम कार्यालय को सलाह दी. अंत में पाटिल ने बताया कि अधिक दिनों तक लॉकडाउन जारी रखा गया तो इस महामारी से भी भयंकर स्थिति देश में निर्माण हो सकती है. ऐसे में लॉकडाउन में अधिक सख्ती बरतने के बजाए उसमें ज्यादा से ज्यादा समय ढिल देने की जरुरत है.साथ ही रेड जोन की सीमाएं बंद कर जिन इलाकों में मरीज नहीं हैं, वहां के प्रतिदिन व्यवहार शुरु करने की सलाह इंजी. पाटिल ने पीएम कार्यालय को दी.