हर्सूल जेल में कैदियों व स्टाफ की जारी हैं नियमित जांच

Loading

– जेल अधीक्षक हिरालाल जाधव की जानकारी 

औरंगाबाद. महाराष्ट्र में सजायाफ्ता कैदियों को रखने के लिए बनाए गए चुनिंदा जेलों में से एक औरंगाबाद के हर्सूल जेल में  देश में कोरोना संकट निर्माण होने के बाद जेल में बंद  सजायाफ्ता कैदी तथा जेल में आनेवाले नए कैदियों के अलावा जेल में कार्यरत स्टाफ की नियमित जांच जारी है. उसके लिए जिलाधिकारी उदय चौधरी तथा घाटी अस्पताल की डीन डॉ. कानन येलीकर का बड़े पैमाने पर सहयोग मिल रहा है. यह जानकारी हर्सूल जेल के अधीक्षक हिरालाल जाधव ने दी.

उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण ने तेजी से पांव पसारने के बाद गृह मंत्रालय के आदेश पर हर्सूल जेल में भी सख्त लॉकडाउन किया गया है. बीते 25 दिनों से हर्सूल जेल के सामने नियमित रुप से कोरोना की जांच के लिए स्वैब के नमूने लिए जा रहे है. इसमें नए से सजा पाकर जेल में आ रहे कैदी, सजा पूरी कर घर लौटनेवाले कैदी, जेल में कार्यरत कर्मचारी तथा उनके  परिवार के स्वैब के नमूने लिए जा रहे है. उसके लिए घाटी अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम जेल परिसर में कार्यरत है. 

कैदियों में सोशल डिस्टेन्सिंग को अधिक तरजीह दी जा रही

जेल अधीक्षक जाधव ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बड़े पैमाने पर जेल में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों व कैदियों को मास्क का वितरण किया गया है. बीते 19 अप्रैल से हर्सूल जेल में सख्त लॉकडाउन जारी किया गया है, जो आज तक जारी है. जेल में जारी सख्त लॉकडाउन के दौरान 13 मई को जेल का कुछ स्टाफ बदला गया. जेल में  स्टाफ के जिन अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रवेश दिया गया, उनके पहले स्बैब के नमूने लिए गए. उनकी रिपोर्ट निगेटिव पाए जाने के बाद उन अधिकारियों व कर्मचारियों को  जेल में तैनात किया गया. जेल अधीक्षक हीरालाल जाधव ने बताया कि जेल में सजायाफ्ता कैदियों के लिए 3 अलग-अलग स्थानों पर आयसोलेशन तथा क्वारंटाइन बैरिकेट्स तैयार रखें  गए है. जेल के भीतर कैदियों में सोशल डिस्टेन्सिंग को अधिक तरजीह दी जा रही है.

कैदियों को इस महामारी से दूर रखने के लिए उन्हें बेहतर पौष्टिक स्वस्थ भोजन दिया जा रहा है.  जाधव ने बताया कि जेल में कार्यरत कैदियों को इस महामारी से बचाने के लिए समता फाउंडेशन ने बड़े पैमाने पर सैनिटायजर तथा अन्य सामग्री भेंट दी है. जेल में कैदियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए डॉक्टर तथा मेडिकल टीम हमेशा कार्यरत है. जेल के भीतर सजायाफ्ता कैदियों में कोरोना को लेकर बड़े पैमाने पर जनजागृति किए जाने की जानकारी जेल अधीक्षक जाधव ने दी.