- एसटी विभाग का क्लार्क सहित 2 हत्यारे गिरफ्तार
औरंगाबाद. उधार लिए हुए पैसे वापस देने को लेकर बार-बार तगादा से परेशान एसटी महामंडल के एक क्लार्क ने अपने ही विभाग से सेवानिवृत्त हुए एसटी चालक 59 वर्षीय मुजीब अहमद खान की हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है. इस घटना को लेकर पुलिस ने 2 हत्यारों को गिरफ्तार किया है. जिनकी पहचान अतिक काजी व अफरोज खान जलील खान के रुप में की गई है. पुलिस ने दोनों हत्यारों को गिरफ्तार किया है.मुख्य हत्यारा अतिक काजी एसटी महामंडल में क्लार्क है.
शहर जोन-1 के डीसीपी निकेश खाटमोडे पाटिल ने बताया कि मुजीब खान अहमद 4 माह पूर्व एसटी महामंडल में चालक पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्हें ग्रैज्यूएटी के रुप में 8 लाख रुपए की रकम मिली थी. यह रकम मुख्य हत्यारा जो एसटी महामंडल में क्लार्क था, उसने उधार ली थी. यह रकम वापस लौटाने के लिए मृतक मुजीब खान ने हत्यारे अतीक काजी के सामने तगादा लगाया था. इससे परेशान हुए अतीक काजी ने अपने साथीदार अफरोज खान के साथ मिलीभगत कर हत्या की.
हत्या कर शरीर किए 2 टुकडे़
डीसीपी खाटमोडे पाटिल ने बताया कि 9 जुलाई को मुजीब खान अपने घर से काजी को मिलने के लिए निकले थे. वे एसटी महामंडल के समर्थ नगर में स्थित कार्यालय पहुंचे. वहां हत्यारे अतीक ने अपने एक मित्र अफरोज के घर ले जाकर उनकी हत्या की. हत्या के बाद मुजीब खान का सिर व शरीर 2 अलग-अलग स्थानों पर फेंका. मृतक के बेटे रशीद खान ने अपने पिता गुम होने की शिकायत लिखाई थी. इस शिकायत में मुख्य हत्यारा अतीक काजी पर ही पिता के हत्या का शक जताया था. पुलिस की प्राथमिक पूछताछ में हत्यारे अतिक काजी ने पुलिस को चकमा देने का प्रयास किया. पुलिस ने जब अपने तरीके से पूछताछ की तो मुख्य अभियुक्त काजी ने अपने साथीदार अफरोज खान के बीड बाईपास रोड पर स्थित घर पर ले जाकर पहले गला चिरकर हत्या करने की बात कबूली. हत्या के बाद मुजीब खान का सिर व शरीर दो अलग-अलग स्थानों पर फेंके. इस हत्या को लेकर क्रांति चौक थाने में दोनों हत्यारों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई शहर के सीपी चिरंजीव प्रसाद, डीसीपी खाटमोडे पाटिल, एसीपी गुणाजी सावंत के मार्गदर्शन में पीआई अमोल देवकर, एपीआई राहुल सूर्यतल, पीएसआई संदिप शिंदे, एएसआई नसीम खान, हेड कांस्टेबल सातदिवे, नंदकुमार जैन, सैयद सलीम, मिलिंद भंडारी, राजेश फिरंगे, संतोष रेड्डी,राजेश चव्हाण, देवानंद मरसाले, अमोल सुखधाने, रमेश गायकवाड, पांडुरंग बोगांणे ने पूरी की.