औरंगाबाद. प्रधानमंत्री फसल कर्ज (Prime Crop Loan) में बड़े पैमाने पर धांधलियां होने की शिकायतें (Complaints) आ रही है। राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार (Minister of State Abdul Sattar) ने भी फसल बीमा में हुई धांधलियों के कई दस्तावेज कृषि मंत्रालय के पास सौंपे है। उन शिकायतों की वरिष्ठ स्तरीय जांच के लिए मुंबई-पुणे (Mumbai-Pune) की टीम औरंगाबाद पहुंचकर जांच करेंगी। यह घोषणा राज्य के कृषि मंत्री दादा भुसे ने यहां की। आगामी खरीफ मौसम को लेकर विभागीय स्तर पर जारी तैयारियों का जायजा लेने कृषि मंत्री दादा भुसे रविवार को औरंगाबाद पहुंचे। उन्होंने आला अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक की।
बैठक के बाद कृषि मंत्री ने बताया कि इस जांच में जो भी अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल कर्ज के रुप में राज्य भर के किसानों से खरीफ और रबी के मौसम में 5 हजार 800 करोड़ की राशि जमा की गई। वहीं, किसानों को नुकसान भरपाई के रुप में सिर्फ 1 हजार करोड़ रुपए वितरित किए गए। फसल बीमा से बीमा कंपनियों को 4 हजार 800 करोड़ रुपए मिले है। इससे यह साफ है कि फसल बीमा से सिर्फ बीमा कंपनियों का फायदा हो रहा है।
बीमा का प्रारुप बदलने केन्द्र से जारी है विनंती
फसल बीमा में बड़े पैमाने पर धांधलियां जारी है। ऐसे में फसल बीमा का प्रारुप बदलने की मांग राज्य कृषि मंत्रालय केन्द्र सरकार से कर रहा है। दादा भुसे ने बताया कि उन्होंने इस मामले में केन्द्रीय कृषि मंत्रालय से पत्र व्यवहार कर राज्य का 80-110 का बीड मॉडल पर अमलीजामा पहनाने की विनंती की। विशेषकर, बीड मॉडल पर अमलीजामा पहनाने मैंने देश के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय कृषि सचिव से मुलाकात कर विनंती करने के साथ ही पत्र भी सौंपा। केन्द्र सरकार ने इस मांग पर हाल ही में पत्र लिखकर राज्य सरकार को आगाह किया कि फसल बीमा का प्रारुप बदलने की गई मांग पर केन्द्र सरकार अभ्यास कर रहा है।
बीज और खाद की नहीं होगी कमी
एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि आज की बैठक में औरंगाबाद रिजन में बीज और खाद की कमी ना हो, इस पर विशेष चर्चा की गई। लॉकडाउन के चलते राज्य सरकार का प्रयास है कि किसानों को उनके बांध तक खाद और बीज पहुंचाया जाया। कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में यूरिया खाद की अधिक मांग है। उसके अनुसार, गत वर्ष की तुलना में यूरिया खाद की आपूर्ति समय पर हो, इसके लिए सरकार ने विशेष नियोजन किया है। कुछ दिनों पूर्व खाद के दामों में बड़े पैमाने पर वृध्दि हुई थी। उसके कुछ दिनों बाद केन्द्र सरकार ने राज्यों की मांग पर खाद के दाम कम किए। खाद के दाम कम करने की सबसे पहले मांग महाराष्ट्र सरकार ने की थी। कुछ दिनों बाद सरकार ने खाद के दाम कम किए। जिन किसानों ने अधिक दाम में खाद खरीदा है, उनकी राशि वापस लौटाने की मांग राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार से की जाएगी। भुसे ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसानों को अधिक दाम में खरीदे हुए खाद की रकम वापस दिलायेंगी। उन्होंने कृषि विक्रेताओं को चेताया कि वे अधिक दामों में खाद ना बेंचे, वरना उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
महात्मा ज्योतिबा फुले योजना से 33 लाख किसानों को मिला फायदा
जब उनसे क्या राज्य सरकार किसानों को खाद और बीज की खरीदी में किसी तरह की सब्सिडी देगी, इस पर भुसे ने कहा कि गत सवा साल से हम कोरोना संकट का मुकाबला कर रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार के उत्पन्न को बड़े पैमाने पर ब्रेक लगा है। इसके बावजूद महात्मा ज्योतिबा फुले योजना के माध्यम से 33 लाख किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपए वर्ग किए गए। इसके अलावा राज्य में जब भी नैसर्गिक आपदा आयी, तब राज्य सरकार ने समय-समय पर किसानों को मदद जारी रखी। पत्रकार परिषद में राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार, जिलाधिकारी सुनील चव्हाण आदि उपस्थित थे।