One more death from Kovid-19 in Jammu and Kashmir, death toll 54

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औरंगाबाद. मार्च माह में कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन के एक माह बाद शहर सहित जिले में कोरोना ने बड़े पैमाने पर कहर बरपाना शुरु किया है. कोरोना कहर को रोकने के लिए बीते 3 माह से मनपा, जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य यंत्रणा अविरत प्रयासों में जुटी है. कई प्रयासों के बाद प्रशासन के हाथ कोरोना से होनेवाली मृत्यु दर का प्रमाण घटाने में कामयाबी हाथ लग रही है. एक पखवाड़ा पूर्व कोरोना महामारी से मरनेवालों के आंकडे का प्रमाण 5.4 था, जो आज 4.6 प्रतिशत पर आ पहुंचा है. इसके बावजूद मृत्युदर का प्रमाण घटाने के लिए प्रशासन ओर मेहनत करने की जरूरत है.

9 हजार के पार पहुंचा संक्रमितों का आंकड़ा

अप्रैल के अंत में औरंगाबाद शहर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सिर्फ 50 पार कर गया था. उसके बाद से आज तक यह आकड़ा 9 हजार पार कर चुका है. आज भी मृत्यु दर का सिलसिला जारी है. बढ़ते हुए मृत्यु दर के प्रमाण को ब्रेक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपाय योजनाएं कारगर साबित हो रहे है. बीते दिनों राज्य सरकार ने भी औरंगाबाद में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता जतायी थी. पिछले माह महामारी से अपनी जान गंवा रहे मरीजों का प्रमाण 5.9 प्रतिशत था. राज्य में यह प्रमाण 3 प्रतिशत था. शहर में कोरोना संक्रमितों की बड़ी संख्या में जान गंवाने पर केन्द्रीय दल ने भी चिंता जताकर मनपा आयुक्त आस्तिककुमार पांडेय को विशेष उपाय योजनाएं करने के निर्देश दिए थे. उसके बाद राज्य सरकार की सूचना पर मरीजों के संपर्क में आए अधिक से अधिक लोगों को ढूंढकर उन्हें क्वारंटाइन करने के साथ ही स्वैब टेस्टिंग के प्रमाण बढ़ाए गए.

 ‘स्वैब टेस्ट अपने द्वार’ मुहिम

शहर में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को ब्रेक लगाने के लिए मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय ने जून माह के अंत में स्वैब कलेक्शन अपने द्वार पर यह मुहिम हाथ में ली. उसके लिए प्रभाग निहाय विशेष दलों की नियुक्ति की. उसका असर यह हुआ कि बीते एक पखवाडे में शहर में पहले संक्रमित पाए गए मरीजों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे है. जिससे शहर में जल्द ही कोरोना को ब्रेक लगाने का दावा प्रशासन की ओर से किया जा रहा है.

 एमएचएमएच एप का वृद्धों को हो रहा फायदा

कोरोना से पीडि़त 50 से अधिक उम्र के लोग बड़ी संख्या में जान गंवा रहे है. इस पर रोक लगाने के लिए मनपा आयुक्त आस्तिककुमार पांडेय की संकल्पना से मेरा स्वास्थ्य मेरे हाथ में यानी एमएचएमएच एप लॉन्च हुआ. इस एप के सहारे शहर के 50 साल से अधिक नागरिक अपने स्वास्थ्य की जानकारी प्रतिदिन पंजीकृत कर रहे है. इस जानकारी में जिस मरीज के शरीर में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाए दे रहे है, उस पर तत्काल मनपा के डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है. मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. जिससे उसकी जान बचने में बड़े पैमाने पर सहायता मिल रही है. इन सभी उपाय योजनाओं से अब कोरोना के बढ़ते मृत्यु दर को ब्रेक लग रहा है.