- युवा सेना की शिक्षा मंत्री से मांग
औरंगाबाद. औरंगाबाद सहित राज्य के कई जिलों में निजी स्कूल चालकों ने ऑनलाइन शिक्षा पध्दति शुरु कर पूरी फीस वसूलने का काम शुरु किया है. लॉकडाउन के चलते अभिभावकों के समक्ष अपना जीवन यापन करने के लिए कई आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
स्कूल बंद होने से शिक्षा संस्थाओं द्वारा ऑनलाइन शिक्षा पध्दति अपनाई जा रही है. जो काफी कम खर्च वाला काम है. ऐसे में हर शिक्षा संस्था चालक से स्कूल फीस में 50 प्रतिशत छूट देने की मांग युवा सेना के शहर सचिव तथा लताकृति फाउंडेशन के अध्यक्ष अक्षय खेडकर ने राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत, शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड को एक ज्ञापन भेजकर की.
आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे अभिभावक
ज्ञापन में खेडकर ने बताया कि लॉकडाउन में अभिभावक आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ अंग्रेजी स्कूल चालकों द्वारा बकाया फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव डालकर उन्हें परेशान किया जा रहा है. लॉकडाउन के चलते स्कूल चालकों ने ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली अपनाई है. ऑनलाइन शिक्षा पध्दति से छात्रों को पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. इस प्रणाली में हर स्कूल चालक एक से दो घंटे छात्रों को शिक्षा दे रहे हैं. प्रतिदिन कक्षा में 5 से 6 घंटे बच्चों को पढ़ाया जाता था.
शिक्षण संस्था पूरी फीस वसूलने की फिराक में
ऑनलाइन शिक्षा में सिर्फ एक या दो घंटे शिक्षा देकर शिक्षण संस्था चालक अभिभावकों से पूरी फीस वसूलने की फिराक में हैं. इधर, ऑनलाइन शिक्षा पध्दति के चलते छात्रों को इंटरनेट डेटा का खर्च भी वहन करना पड़ रहा है. खेडकर ने सरकार को सुझाव दिया कि एक स्कूल सालाना फीस 70 हजार वसूलती है तो उसमें 50 प्रतिशत की छूट दी जाए, बल्कि जिन अभिभावकों ने 70 हजार फीस अदा की है, उन्हें ऑनलाइन शिक्षण पध्दति के चलते 50 प्रतिशत फीस की रकम वापस लौटाने की मांग भी युवा सेना के शहर सचिव खेडकर ने राज्य सरकार से की है.