औरंगाबाद. राज्य सरकार ने 23 नवंबर से स्कूल शुरु करने की इजाजत दी है, वहीं दूसरी ओर राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने स्कूल शुरु करने के बारे में निर्णय स्थानीय प्रशासन पर सौंपा था.
इसी दौरान बीते 3 दिन से शहर में अचानक कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ. इससे चिंतित मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय ने स्कूल बंदी का आदेश न निकलते हुए छात्रों को 3 जनवरी तक स्कूल में हाजिर न रहने को लेकर सहुलियत दी है.
शिक्षकों को स्कूल में आना होगा
राज्य सरकार के आदेशानुसार, औरंगाबाद शहर में स्कूल शुरु करने के लिए मनपा के शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरु की थी. सरकारी तथा निजी स्कूल के मुख्याध्यापकों की केन्द्र निहाय बैठकें लेकर मनपा के शिक्षा विभाग ने स्कूल के क्लासेस में सैनिटाइजर का छिड़काव बड़े पैमाने पर किया. साथ ही शहर के शिक्षकों की कोरोना टेस्ट भी करवाई. परंतु, बीते तीन दिन से शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने से चिंतित मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय ने छात्रों को 3 जनवरी तक स्कूल में उपस्थित न रहने के सहुलियत दी. शहर में माध्यमिक स्कूल के 361 स्कूल है. अब कमिश्नर पांडेय के आदेशानुसार छात्र स्कूल में नहीं आएंगे, परंतु शिक्षकों को स्कूल में आना होगा. शिक्षक स्कूल पहुंचकर छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देंगे.
बढ़ रहे हैं मरीज
गौरतलब है कि गत 3 दिन में शहर में 404 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले. जिसके चलते स्कूल शुरु करें या ना करें इसको लेकर प्रशासन पसोपेश में था. दरमियान शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने राज्य में फिर कोरोना संक्रमण फैलना महाराष्ट्र वासियों के लिए महंगा साबित होने का बयान दिया था.
3 जनवरी तक स्कूल बंद रखने का प्रशासन का निर्णय योग्य
इस बीच, शहर में अचानक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होना यानी कोरोना की दूसरी लहर फैलने की आशंका के बीच मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय ने 3 जनवरी तक स्कूल बंद रखने का लिया हुए निर्णय का शहर के पूर्व महापौर नंदकुमार घोडेले ने स्वागत किया. उन्होंने प्रशासन के निर्णय के योग्य करार देते हुए कहा कि छात्रों के स्वास्थ्य को देखते हुए प्रशासन का यह निर्णय कारगर साबित होगा.