UPSC में सफल हुए औरंगाबाद के सुमित महाजन

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औरंगाबाद. जिले के फुलंब्री में शिक्षण विस्तार अधिकारी पद पर कार्यरत राजेश महाजन के पुत्र सुमित महाजन पिछले 5 सालों से यूपीएससी की परीक्षा दे रहा था. 5 सालों में उसे सफलता हाथ  नहीं लगी. इससे हार न मानते हुए छठी बार उसने यूपीएससी की परीक्षा दी और उसके हाथ सफलता लगकर वह कलेक्टर बन गया.

सुमित महाजन ने बताया कि उसने कक्षा 10वीं  से ही वरिष्ठ अधिकारी बनने की ठान ली थी. 2014 से मैं यूपीएससी की परीक्षा दे रहा था. पिछले 5 वर्षों से मुझे सफलता हाथ नहीं लग रही थी. 5 बार नाकाम होने के बावजूद मैंने अपनी जीद नहीं छोडी. 

नौकरी छोड़कर यूपीएससी की परीक्षा तैयारी जारी रखी

जिसके चलते मुझे छठी बार सफलता मिली. सुमित महाजन ने बताया कि उसने 10वीं में 96 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. 12वीं में भी बेहतर अंक हासिल कर सफलता पायी थी. उसके बाद बी टेक की शिक्षा मुंबई के वीजेआईटी कॉलेज में पूरी कर इंजीनियरिंग की डिग्री ली. अंतिम वर्ष में सुलजर पंप नामक कंपनी में बेहतर पैकेज पर जॉब भी मिला था, लेकिन वह नौकरी छोड़कर मैंने यूपीएससी की परीक्षा तैयारी जारी रखी.

पिता की इच्छा पूरा करने यूपीएससी की परीक्षा देता रहा

सुमित महाजन ने बताया कि मेरे पिता शिक्षण विस्तार अधिकारी राजेश महाजन व मेरे दादा की काफी इच्छा थी कि वह प्रशासकीय सेवा में अधिकारी बने. उसके बाद मैंने अपनी मेहनत जारी रखी. पुणे पहुंचकर मैंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने जिद न छोड़ने से मुझे लंबे प्रयासों के बाद सफलता हाथ लगी है. सुमित महाजन ने बताया कि पिछले गलतियों को मैं सुधारता गया और मेर हाथ तब जाकर सफलता लगी. अपने सफलता का श्रेय सुमित ने अपनी दादी संध्या महाजन, पिता राजेश महाजन, भाई अतुल महाजन, बहन प्रतिक्षा महाजन, मामा गजानन कवलेकर को दिया. अंत में सुमित ने बताया कि अपने की पिता की प्रेरणा लेकर मैंने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है.