– लॉकडाउन में भी 18 हजार कामगार कार्यरत
– एमएसआरडीसी के उपाध्यक्ष मोपालवार की जानकारी
औरंगाबाद. राज्य के तत्कालीन फडणवीस सरकार द्वारा हाथ में लिए नागपुर से मुंबई 701 किलोमीटर लंबाई वाले बाल ठाकरे समृध्दि महामार्ग का काम कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन में भी युध्दस्तर पर जारी है. लॉकडाउन के दरमियान में भी महामार्ग का काम रात-दिन जारी था. इस महामार्ग का काम जल्द पूरा करने के लिए वर्तमान में 18 हजार मजदूर काम कर रहे है. महामार्ग का काम तेजी से जारी होने की जानकारी राज्य रास्ते विकास महामंडल के उपाध्यक्ष तथा एमडी राधेशाम मोपालवार ने पत्रकारों से वीडियो कॉन्फ्ररसिंग के माध्यम से संवाद साधकर दी.
उन्होंने बताया कि समृध्दि का काम जिस रफ्तार से जारी है, उससे यह साफ हैं कि अगले वर्ष दिसंबर माह के एंड तक महामार्ग का काम पूरा होकर यातायात के लिए खुला करने का महामंडल का प्रयास है. एक सवाल के जवाब में मोपालवार ने बताया कि कोरोना के चलते प्रकल्प के खर्च में किसी प्रकार की वृध्दि नहीं होगी.
1700 स्ट्रक्चर्स का होगा निर्माण
रास्ते विकास महामंडल के उपाध्यक्ष ने बताया कि बाल ठाकरे समृध्दि महामार्ग पर एमएसआरडीसी द्वारा 1700 स्ट्रक्चर्स का निर्माण किया जाएगा. नाशिक तथा ठाणे के दरमियान पैकेज में सबसे बड़े टनल की निर्मिती की जा रही है. महामार्ग पर 20 स्थानों पर नवनगरों का निर्माण किया जाएगा. जिसमें औरंगाबाद, बुलढाणा, वाशिम, वर्धा इन जिलों के प्रति दो तथा ठाणे जिले के एक इस तरह 9 नवनगरों को प्रथम प्राथमिकता दी जाएगी, उसके लिए प्रक्रिया जारी होने की जानकारी भी मोपालवार ने दी. उन्होंने बताया कि हर नवनगर में करीब 1 लाख जनसंख्या होगी. नवनगर सभी सुविधाओं से लैस होंगे.
समृध्दि महामार्ग यह ग्रीन फिल्ड प्रकल्प
एमएसआरडीसी के एमडी ने बताया कि समृध्दि महामार्ग यह पूरी तरह से ग्रीन फिल्ड प्रकल्प है. शहरों से दूर प्रकल्प का काम जारी है. जिससे कोरोना संकट में इस महामार्ग के निर्माण कार्य पर कोई असर नहीं हुआ. मई अंत तक प्रकल्प पर काम करनेवाले 4 हजार स्थानांतरित कामगार उनके मूल गांव पहुंचे है. उन कामगारों ने प्रकल्प के काम पर वापस लौटने की तैयारी दिखाई है. आगामी तीन साल में इस स्थान पर उद्योग व्यवसाय स्थापित होंगे. यह विश्वास भी मोपालवार ने जताया.
हवाई जहाज उतारने रनवे निर्माण करने का मानस
अंत में मोपालवार ने बताया कि समृध्दि महामार्ग पर जिन स्थानों पर स्ट्रक्चर्स नहीं हैं, ऐसे 5 किलोमीटर के सीधे पट्टे है ऐसे स्थानों पर आपातकालीन परिस्थिति में विमान उतारने के लिए रनवे निर्माण करने का मानस है. इसको लेकर चर्चा जारी है. महामार्ग पर नैसर्गिक वायू की पाईपलाइन, सौर उर्जा प्रकल्प, आप्टिकल फाइबर का जाल बिछाने के लिए मूलभूत सुविधा निर्माण की जाएगी.