- औरंगाबाद पर्यटन को 50 करोड़ का नुकसान!
औरंगाबाद. कोरोना महामारी के चलते महाराष्ट्र की पर्यटन राजधानी औरंगाबाद में विश्व के प्रसिद्ध एलोरा-अजंता गुफाओं के अलावा सभी ऐतिहासिक पर्यटन स्थल बंद पड़े हैं. जिसके चलते देशी और विदेशी पर्यटक औरंगाबाद नहीं आ पा रहे हैं. पर्यटकों की चहल पहल बीते 8 माह से बंद होने से पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह ठप्प पड़ा हुआ है.
हर साल दीपावली की छुट्टियों में औरंगाबाद में 50 करोड़ का लेन-देन होता था, परंतु इस साल सभी पर्यटन स्थलों पर शांति छाए होने से करोड़ों का लेन- देन ठप्प रहा है. जिससे पर्यटन से जुडे़ व्यापारियों की नींद हराम हो चुकी है.
आर्थिक संकटों से जूझ रहे पर्यटन व्यवसायी
करीब 5 माह तक देश भर में लॉकडाउन होने के बाद अनलॉक प्रक्रिया शुरु हुई है. अनलॉक प्रक्रिया में भारत के कई पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए खोले गए हैं. महाराष्ट्र के एलीफंटा गुफा, कोकण के किनारे, रायगढ़ किला पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है, लेकिन विश्व की प्रसिद्ध धरोहर अजंता, एलोरा, मिनी ताजमहल के रुप में प्रचलित बीबी का मकबरा बंद पडा हुआ है. पर्यटन स्थल बंद होने से उससे जुडे़ कारोबारी आर्थिक संकटों से जूझ रहे हैं. पर्यटन स्थानों पर सक्रिय रहनेवाले गाइड की संख्या 50 है. दीपावली काल में हर गाइड की कमाई 50 हजार से 1 लाख रुपए तक हर साल होती है. परंतु, इस बार उनकी कमाई शून्य हो चुकी है. उधर, हिमरु व्यावसायिकों की खुलदाबाद, एलोरा, अजंता पर 25 दुकानें हैं. दीपावली के समय इनका कारोबार हर दिन डेढ़ से दो लाख रुपए का होता था. पर्यटकों को टैक्सी सुविधा देनेवाले व्यावसायिकों की एक दिन का लेन-देन 50 हजार के आस-पास था. अब एक सप्ताह में यह कमाई 5 हजार पर आ पहुंची है.
अक्टूबर से मार्च पर्यटन की दृष्टि से अहम
पर्यटन व्यवसायियों ने बताया कि अक्टूबर से मार्च का समय औरंगाबाद के पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण काल होता है. इस काल में हवाई सेवा से लेकर पर्यटन स्थलों पर निर्भर रहनेवाले फेरीवालों का लेन-देन 500 करोड़ तक होता है. हवाई टिकट, टिकट बुकिंग कार्यालय, टूर ऑपरेटर, टैक्सी व्यावसायिक, गाइड, होटल, रेस्टारंट, फेरीवाले, हस्तकला व्यावसायिक, दुकानदार, पर्यटन स्थलों के मार्गों पर बैठनेवाले फल और फूल विक्रेता इन सभी का गुजारा पर्यटन पर निर्भर होने के कारण सैकडों लोग बेरोजगार हो गए हैं.