Mayor-Commissioner protests against problems

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  • अंतिम वर्ष की परीक्षाएं की स्थगित

औरंगाबाद. राज्य के सभी विश्वविद्यालय व उसके अंतर्गत आनेवाले सभी महाविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मचारियों ने 7 वां वेतन आयोग लागू करने के साथ ही अन्य मांगों को लेकर 24 सितंबर से कलम बंद आंदोलन शुरू किया है. कलम बंद आंदोलन के चलते स्थानीय डॉ. बाबासाहाब आंबेडकर मराठवाड़ा  विश्वविद्यालय का सारा कामकाज ठप्प है.  आंदोलन के चलते 1 अक्टूबर से अंतिम वर्ष की ली जानेवाली ऑनलाईन परीक्षाएं  स्थानीय बामू विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थगित की है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिए इस निर्णय से यह साफ  है कि शिक्षकेतर कर्मचारियों के कलम बंद आंदोलन के सामने मजबूर होकर कुलगुरु डॉ. प्रमोदे येवले ने परीक्षाएं स्थगित करने का निर्णय लिया.

कोरोना महामारी प्रकोप के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस वर्ष अप्रैल-मई माह में ली जानेवाली स्नातक व स्नातकोत्तर विषयों की सारी परीक्षाएं रद्द की थी. कोरोना महामारी के दरमियान हालत धीरे धीरे सामान्य होने के बाद स्थानीय बामू विश्वविद्यालय ने स्नातक व स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 1 अक्टूबर से ऑन लाईन लेने का निर्णय लिया था. इसकी तैयारियां अंतिम स्तर पर थी. इसी दरमियान बीते गुरुवार  से राज्य के सभी विश्वविद्यालय व उसके अंतर्गत आनेवाले सभी महाविद्यालय के  शिक्षकेतर कर्मचारियों ने  7 वां वेतन आयोग लागू करने के अलावा अन्य मांगों को लेकर कलम बंद आंदोलन शुरु किया है. इन दिनों शिक्षकेतर कर्मचारियों का कलम बंद आंदोलन जारी है. कलम बंद आंदोलन के चलते बीते एक सप्ताह से विश्वविद्यालय का सारा कामकाज ठप्प है.

इधर, आंदोलन के चलते ऑन लाईन परीक्षाएं लेना विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए  टेढी खीर साबित हो रहा था. मंगलवार को आनन फानन में बामू विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने आला अधिकारियों के साथ बैठक कर 1 अक्टूबर से आयोजित ऑन लाईन परीक्षाएं स्थगित करने का निर्णय लिया. उधर,  1 अक्टूबर तक शिक्षकेतर कर्मचारियों की  मांगें पूरी न होने पर काम बंद आंदोलन करने की चेतावनी विश्वविद्यालय कृति समिति के राज्य समन्वयक डॉ. कैलास पाथ्रीकर ने दी है. सांसद डॉ. कराड व पूर्व सांसद खैरे ने ली आंदोलन कारियों की भेंट

इधर, मंगलवार को भाजपा  सांसद डॉ. भागवत कराड व शिवसेना के  पूर्व सांसद चन्द्रकांत खैरे ने स्थानीय विश्वविद्यालय पहुंचकर आंदोलन कर रहे शिक्षकेतर कर्मचारियों से मुलाकात कर उनसे चर्चा की. चर्चा के बाद सांसद डॉ. कराड ने विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन दिया है.