
नई दिल्ली: डीजल की गाड़ियां खरीदने की सोच रहे लोगों के लिए आज एक खबर है। दरअसल 63वें सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) कन्वेंशन में डीजल गाड़ियों से जुड़ा एक बड़ा बयान नितिन गडकरी ने दिया है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, वो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से डीजल इंजन/वाहनों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत GST लगाने का अनुरोध करने की योजना बना रहे हैं। डीजल वाहन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, और सरकार चाहती है कि सड़क पर इनकी संख्या कम से कम हो, इस वजह से उन्होंने Diesel गाड़ियों पर 10% GST बढ़ाने की मांग की है। ऐसे में अब यह देखना होगा की क्या गडकरी की यह मांग पूरी?
डीजल वाहनों पर 10% GST बढ़ाने की मांग
इस दौरान बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “मैंने एक पत्र तैयार रखा है, जिसे मैं आज शाम वित्त मंत्री को सौंपूंगा, जिसमें डीजल वाहनों और डीजल से चलने वाले सभी इंजनों पर अतिरिक्त 10% जीएसटी लगाने का प्रस्ताव है।” इसी विषय पर बात करते हुए गडकरी ने कहा कि, वो ऑटोमोबाइल कंपनियों को डीजल वाहनों के निर्माण को कम करने के लिए डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10% अतिरिक्त वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का प्रस्ताव कर रहे हैं। ताकि डीजल वाहनों का निर्माण कम हो और इससे होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सके।
नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से कहा…
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार, नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को स्वयं ही इस बारे में सोचने को कहा है। नितिन गडकरी ने कहा कि, ”ऑटो इंडस्ट्री को स्वत: ही डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण को संज्ञान में लेकर आगे बढ़ना चाहिए। अन्यथा सरकार के पास डीजल ऐसी परिस्थितियां पैदा करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा, जिससे वो स्वयं ही मजबूर हो जाएंगे।” आगे उन्होंने कहा, ”डीजल को अलविदा कहो… स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करें, नहीं तो हम टैक्स इतना बढ़ा देंगे कि आप डीजल वाहन नहीं बेच पाएंगे।” पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझते हुए डीजल गाड़ियां बंद होना आवश्यक है।
डीजल इंजनों से पर्यावरण को नुकसान
आगे उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में डीजल कार की हिस्सेदारी 2014 में 335 से घटकर अब 28% हो गई है। इतना ही नहीं बल्कि उस कार्यक्रम में बात करते हुए उन्होंने डीजल इंजनों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में बताया और साथ ही प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगाने की बात कही। ऐसे में अब पर्यावरण सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए सरकार को उम्मीद है कि, डीजल वाहनों पर टैक्स लगाए बढ़ाए जाने से इनका निर्माण और बिक्री कम होगी, जिससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर डीजल गाड़ी के दाम बढ़ते है तो क्या ग्राहक ये डीजल की गाड़ियां खरीद पाएगी या नहीं।