जुनून ने बनाया डिजाइनर हेयर स्टाइलिस्ट: दर्शना नवघरे

  • दर्शना ने दी डिजाइनिंग हेयर कट को पहचान

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नागपुर. हेयरस्टाइल का पूरे व्यक्तित्व पर जबदस्त प्रभाव पड़ता है। बदली हुई हेयर स्टाइल लुक में बदलाव लाने के साथ ही व्यक्तित्व को भी आकर्षक बनाती है। यदि हेयर स्टाइल चेहरे के आकार व प्रोफेशन के अनुरूप हो तो वह आत्मविश्वास को दुगना बढ़ा देती है। शादी-पार्टी में आउटफिट के बाद सबसे ज्यादा जोर हेयरस्टाइल पर ही दिया जाता है। बाल चाहे घुंघराले हों या सीधे, उन्हें खूबसूरत बनाने के लिए जरूरत होती है बेहतरीन स्टाइल की।

इसी स्टाइल और डिजाइनर हेयर कट को दिशा प्रोफेशनल सलून एंड एकेडमी की दर्शना नवघरे ने एक नई पहचान दी है। इस क्षेत्र में सबसे पुरानी हेयर डिजाइनर के रूप में पहचान बना चुकीं दर्शना की बचपन से ही डिजाइनर हेयर स्टाइलिस्ट बनाने का जुनून के साथ पैशन था। समाज में फैली ‘मराठी इंसान बिजनेस नहीं कर सकता है’ वाली धरणा को उन्हें बदलना था और वह उन्होंने अपने लगन, जुनून व पैशन के साथ बदला। वे आज इस क्षेत्र में एक सफल मराठी बिजनेस वुमेन के रूप में उभरी हैं।

‘नवभारत बी ब्यूटीफुल’ में वे बताती हैं कि उन्होंने 5वीं क्लास में रहते हुए स्वयं के बाल डिम्पल कपाड़िया के तरह अपने हाथों से ही कट किए थे। तभी मां ने सोचा कि उन्हें इस प्रोफेशन में डालना चाहिए। पूरा परिवार एजुकेटेड होने से वे इसे लोअर दर्जे का काम समझते थे। वहीं पिता आईएफएस थे। दादी सहित परिवार वाले चाहते थे कि मैं टीचर, इंजीनियर या डाक्टर बनूं, लेकिन मुझे इस प्रोफेशन से बड़ा लगाव था। 10वीं के बाद मां की पहल से ही मैं आज एक सफल हेयर डिजाइनर बन पाई हूं। पहले मां और फिर बाद में ससुराल वालों का काफी सपोर्ट मिला।  

हर रोज आते हैं नये बदलाव

नेशनल व इंटरनेशनल हेयर ड्रेसर्स व मेकअप आर्टिस्ट दर्शना बताती हैं कि मुंबई-दिल्ली में एडवांस कोर्स किया। वहीं गुरु के रूप में जावेद हबीब के पिता अहमद हबीब मिले, जिनसे हेयर कट की कई टेक्निक्स सीखने मिलीं। आज भी मैं उनके टेक्निक को फॉलो करती हूं। वहीं सिंगापुर से हेयर कट स्पेशालाइजेशन किया। शुरुआत में कई कॉलेजों में ब्यूटी कल्चर प्रोग्राम किए, जिससे लड़कियां इस प्रोफेशन में आएं और नाम कमाने के साथ आत्मनिर्भर बनें।

इस क्षेत्र में 35 वर्ष का लंबा सफर तय करने के बाद भी वे कहती हैं कि आज भी एक स्टूडेंट्स की तरह सीखती हूं क्योंकि इस प्रोफेशन में हर रोज कुछ न कुछ नया आता है। एक ब्यूटिशियन को चाहिए कि वह क्लाइंट की डिमांड के अनुसार हेयर डिजाइन करे। उसका पूरा अभ्यास कर कस्टमाइज टेक्निक्स का उपयोग कर हेयर डिजाइन करे। हेयर डिजाइनिंग एक सुंदर शब्द है।

इन टिप्स के साथ करें बालों की समस्याओं का समाधान

बालों में उपयोग किए जाने वाले बाहर के प्रोडक्ट कैसे हैं?

लोग टीवी में देखकर बाहर के प्रोडक्ट का उपयोग करते हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह सभी बाहर के नेचर के अनुसार बने होते हैं। कोई भी देश अपने यहां के वातावरण के अनुसार प्रोडक्ट तैयार करता है और उन प्रोडक्ट का हम उपयोग करते हैं। इसके कारण ही बालों की समस्या आती है। इंडियन प्रोडक्ट हमारे वातावरण को देखकर बनाए जाते हैं, जिसके चलते यह बहुत अच्छे होते हैं।

क्या मेहंदी से बाल रूखे होते हैं?

मेहंदी ड्राय होती है, इसलिए इससे बाल भी रूखे होते हैं। इसके साथ ही कोकोनट तेल, आंवला पाउडर और लोहे की कढ़ाई भी ड्राय होती है। इसे देखते हुए मेहंदी को कभी लोहे की कढ़ाई में नहीं भिगाना चाहिए। कांच या प्लास्टिक के बॉउल में कत्था, बीट रूट का रस, शक्कर, कॉफी पाउडर, एलोवेरा जेल के साथ मेहंदी भिगाना चाहिए। इसके साथ ही तिल का तेल, कैस्टर ऑइल, एलोवेरा जेल, कॉफी पाउडर, शक्कर व लेमन जूस को मिलाकर लगाने से बाल का रूखापन दूर होता है।

मेहंदी कितने देर तक रखनी चाहिए ?

मेहंदी को अधिक से अधिक 1 या डेढ़ घंटे तक ही रखना चाहिए और उसी दिन शैम्पू करना चाहिए। इससे बालों पर मेहंदी की लेयर नहीं बनती और बाल टूटते नहीं हैं।

बालों की मजबूती में डाइट का क्या रोल रहता है?

बालों का फूड तेल नहीं है, बल्कि इसके मजबूती के लिए हमें अपने डाइट पर ध्यान देना आवश्यक है। अच्छी डाइट होगी तो बाल मजबूत होंगे। बालों पर कॉस्मेटिक्स का उपयोग न करते हुए होम रेमेडी का उपयोग करें।

बालों में कौनसा पैक लगाना चाहिए?

बालों में बनाना पैक बहुत अच्छा रहता है। केला और एक कटोरी दही को मिलाकर 15 से 20 मिनट के लिए लगा लें। इससे बालों को मजबूती मिलती है।

बालों के लिए होम रेमेडी क्यों आवश्यक है?

आज तक विश्व में ऐसा कोई तेल, शैम्पू या कंडीशनर नहीं बना, जिससे बालों की समस्या रुक जाए। इस समस्या से केवल होम रेमेडी ही छुटकारा दिला सकती है। कॉस्टमेटिक्स से अधिक ऑर्गेनिक ही हमारे बालों की सेहत अच्छा रख सकता है।

बालों की मजबूती के लिए क्या लेना चाहिए?

बालों की मजबूती के लिए फॉलिक एसिड बहुत आवश्यक है। सफेद-काली तिल, अलसी को रोस्टेड कर खा सकते हैं। इसके साथ ही आंवला कैंडी और गुड़ खाने से फॉलिक एसिड बनता है। यह हमारे लिए बहुत फायदेमंद रहता है।

शैम्पू किस तरह लगाना चाहिए?

एक मग में थोड़े पानी में शैम्पू के साथ एलोवेरा जेल, कॉफी पाउडर, शक्कर, लेमन जूस को मिलाकर बालों में लगाना चाहिए। इससे बाल जहां शाइनिंग करते हैं, वहीं हेयर फॉल रुकता है।

स्किन को साफ और मुलायम रखने के लिए क्या करें?

 रात में 2 बूंद तिल के तेल के साथ एलोवेरा लगाने से स्किन टाइट और चमकदार रहती है। इसके साथ ही दही, शक्कर, एलोवेरा जेल, कॉफी पाउडर का मिश्रण सबसे अच्छे क्लींजिंग, टोनिंग के रूप में काम करता है।