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  • विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ की मांग पूरी

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भंडारा. वैश्विक कोरोना महामारी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, राज्य एवं विदर्भ में स्कूलों में भय का माहौल शुरू हो गया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच माता-पिता अपने बच्चों के शैक्षिक भविष्य एवं स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे. वर्तमान शैक्षणिक सत्र की 10 वीं एवं 12 वीं परीक्षाओं की संभावित तिथियां अप्रैल से मई तक घोषित की गई हैं. लेकिन  कोरोना का संक्रमण बढ़ने से 10 वी व 12 वी च्या परीक्षाओं को विद्यार्थी जिस स्कूल में पढ़ रहा है, उसी स्कूल में लेने के संबंध में विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ ने  मुख्यमंत्री व शालेय शिक्षण मंत्री को निवेदन दिया था. इस संबंध में सरकार द्वारा सकारात्मक फैसला लिए जाने पर विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ ने खुशी जाहिर की है.

विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार के समक्ष यह तर्क रखा था कि कोरोना संकट के कारण, विदर्भ सहित राज्य के सभी स्कूल पिछले मार्च से बंद हैं एवं छात्रों को किसी भी शैक्षणिक नुकसान का सामना नहीं करना चाहिए. यहीं से ऑनलाइन लर्निंग की शुरुआत की गयी.  कोरोना मामले कम होने पर हाल ही में 9 से 12 एवं 5 से 8 के नियमित स्कूल शुरू किए गए हैं. इसके अलावा, लॉकडाउन नियमों में छूट दी गयी. लेकिन अब फिर से कोरोना के मामले बढ रहे है.

विदर्भ के कई जिलों में स्कूलों को बंद करने का समय आ गया है. इसलिए, 10 वीं एवं 12 वीं की परीक्षाएं होंगी या नहीं. बच्चे का साल बर्बाद तो नहीं होगा? यह चिंता माता-पिता में है. कोरोना के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए एवं साथ ही उस केंद्र में भीड़भाड़ से बचने की आवश्यकता पर जहां छात्र वर्तमान में अध्ययन कर रहे हैं, वहीं पर अगर 10 वीं एवं 12 वीं की परीक्षा ली जाती है, तो छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षकों की भीड़ नहीं होगी. इसके लिए विद्यालय में ही परीक्षा लेने की मांग संगठन ने की थी. इस मांग के संबंध में  25 फरवरी को मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा था.

शालेय शिक्षण मंत्री वर्षा गायकवाड ने इस मांग पर सकारात्मक विचार किया एवं विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए अधिक समय मिले, परीक्षा केंद्र में भीड़ न जुटे इस दृष्टि से 10 एवं 12 वी परीक्षा को शाला स्तर पर ही लेने एवं फिजिकल अंतर बनाए रखने के लिए आवश्यकता होने पर नजदीकी स्कूल के कमरे लेने की घोषणा की है.

विमाशी संगठन के निवेदन पर विचार कर घोषणा करने के लिए संगठन सचिव राजेश धुर्वे, जिला अध्यक्ष सुधाकर देशमुख, चंद्रशेखर रहांगडाले, विलास खोब्रागडे, पुरुषोत्तम लांजेवार, अशोक बनकर, दारासिंग चव्हाण, धीरज बांते, अनिल कापटे, मनोज अंबादे, धनविर काणेकर, अनंत जायभाये, पंजाब राठोड, जागेश्वर मेश्राम आदि ने मुख्यमंत्री व शालेय शिक्षामंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है.