गन्ना किसानों को बीमा (फाइल फोटो)
गन्ना किसानों को बीमा (फाइल फोटो)

  • गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना

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भंडारा. गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना कृषि कार्य करते समय हुई दुर्घटना में किसान की मृत्यु के मामले में सरकार के कृषि विभाग की ओर से लागू की गई है. योजना के तहत जिले से पिछले 4 वर्षों में 241 प्रस्ताव भेजे गए थे. इनमें से 125 किसानों को योजना के तहत 2 लाख रुपये की मदद प्रदान की गई.

खेतों में काम करते समय अक्सर दुर्घटनाएं अथवा प्राकृतिक आपदाएं होती हैं. कई मामलों में किसान की मृत्यु हो जाती है. इसके कारण उनके पीछे परिवारों पर संकट आ जाता  है. ऐसे परिवारों को सहारा देने वर्ष 2016-17 में गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना को लागू किया गया. वर्ष 2019-20 में इस योजना का दायरा बढ़ाया गया. 

भेजे गए थे 241 प्रस्ताव

किसान व किसानों के घर का एक अपंजीकृत सदस्य मिलाकर 10 से 75 आयु के सदस्यों को योजना का लाभ मिलेगा. इस कारण किसानों के साथ-साथ उसके परिवार के एक सदस्य को इसका लाभ होगा. इस योजना के तहत जिले से 2016-17 से 2019-20 इस कार्यकाल में 241 प्रस्ताव भेजे गए थे. इनमें से 125 प्रस्ताव मंजूर किये गये. 34 प्रस्ताव कागजातों की कमी से नामंजूर किए गए. फिलहाल की स्थिति में 38 प्रस्ताव प्रलंबित है. 44 प्रस्ताव प्रक्रिया में है. दुर्घटना में मृत्यु होने के बाद किसानों के घर के एक सदस्य को तहसील कृषि कार्यालय द्वारा प्रस्ताव जिला कृषि अधिकारी की ओर भेजना होगा. यह प्रस्ताव बीमा सलाहकार बीमा कार्यालय को भेजा जाता है. इसमें छंटनी होकर प्रस्ताव बीमा कम्पनी की ओर प्रस्तुत किया जाता है. इसमें सभी कागजातों की पूर्ती करने के बाद किसानों को 2 लाख का लाभ मिलता है. 

बीमा सुरक्षा के लिए दुर्घटना समावेशन ऊंचाई से गिरकर मृत्यु होना, बिजली का करंट, जानवरों के हमले में या कांटने के कारण होनेवाली दुर्घटना, सांप के कांटने से, गाज गिरकर मृत्यु, पानी में डूबकर मृत्यु, सड़क रेलवे, वाहन से दुर्घटना आदि का समावेश है. 

योजना का लाभ उठाने का आह्वान

जिला कृषि विभाग की ओर से किसानों से योजना का लाभ उठाने का आह्वान किया जा रहा है. योजना के तहत बीमा दावा करने किसानों को सातबारा, 8-अ, 6-क, 6-ड, घटनास्थल का पंचनामा, घोषणापत्र अ-ब, मृत्यु प्रमाणपत्र, पीएम रिपोर्ट, दिव्यांग का प्रमाण पत्र, वाहन लाइसेंस, दवा उपचार के कागजात, दुर्घटना में 45 दिनों के अंदर पंजीयन होना आवश्यक है. संबंधितों को कोई समस्या आने पर वह कृषि पर्यवेक्षक से संपर्क कर सकते हैं.