Doubts on the number of deaths from Corona, the department is accused of hiding the figures
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    भंडारा. कोरोना महामारी के कारण मृत हुए लोगों के अंतिम संस्कार में नगर परिषद ने अब तक 96 लाख खर्च किए गए हैं. अब तक नगर परिषद की ओर से 1200 से ज्यादा मृत शरीरों का अंतिम संस्कार किया गया है. कोरोना के कारण मृत हुए लोगों के अंतिम संस्कार में कोई आगे नहीं आता, ऐसे समय मृतक के परिजन भी दूरी बना लेते हैं, ऐसे लोगों की मदद करने के लिए नगर परिषद ने अपना सामाजिक दायित्व समझते हुए कोरोना से मृत लोगों का अंतिम संस्कार किया.

    विगत वर्ष से कोरोना महामारी के कारण लोगों की मौत हो रही है, हालांकि अब जिले में पहले की तुलना में कोरोना का कहर कम हो गया है, लेकिन अभी-भी खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. 9 जून तक जिले में कोरोना प्रभावितों की कुल संख्या 59,228 तक पहुंच गई थी, उनमें से ठीक हुए कोरोना मरीजों की संख्या 57,627 है, जबकि मृत मरीजों की संख्या 1055 है. सरकारी अस्पताल में मृत कोरोना मरीजों की संख्या 605 तथा निजी अस्पतालों में मृत कोरोना मरीजों की संख्या 270 है. कोरोना पाजिटिव मरीजों का प्रतिशत 0.37 है.

    स्वच्छता विभाग के कर्मी दे रहे सेवाएं

    नगर परिषद भंडारा के मुख्याधिकारी विनोद जाधव का कहना है कि भंडारा तहसील के गिरोला में कोरोना श्मशान घाट बनाया गया और वहां कोरोना के कारण मृत लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. इस श्मशान घाट में भंडारा नगर परिषद के स्वच्छता विभाग के कर्मचारियों अपनी सेवाएं दे रहे हैं. मृत्यु शय्या बनाने से लेकर अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया को नगर परिषद के कर्मचारी बखूबी निभा रहे हैं. कोरोना के कारण मृत हर व्यक्ति के अंतिम संस्कार में 8,000 रूपए का खर्च होने की जानकारी भी मिली है. मृत शरीर को अस्पताल से श्मशान घाट तक लाने तथा उसका अंतिम संस्कार करने में 8,000 रूपए खर्च हो रहे हैं.