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भंडारा. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पिछले वर्ष की तुलना में भले ही सादगी के साथ मनाया गया हो, लेकिन भक्तों में उत्साह की रंचमात्र भी कमी नहीं थी. कोरोना के कहर के कारण ज्यादातर स्थानों पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति की स्थापना नहीं की गई थी, फिर भी दशहरे मैदान पर कृष्ण भक्तों का सैलाब जरूर उमड़ा. यह सैलाब जन्माष्टमी मनाने के लिए बल्कि भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति खरीदने के लिए उमड़ी. जिस तरह से जिले में भगवान गणेश के भक्तों की कमी नहीं है, उसी तरह भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों की भी कमी नहीं है. जिले में घर-घर में जन्माष्टमी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता रहा है.

इस वर्ष कोरोना महामारी के फैलाव के कारण जन्माष्टमी का पर्व सार्वजनिक रूप से न मनाने की अपील की गई थी, इस अपील को स्वीकार करते हुए कृष्ण भक्तों ने अपने घरों में भगवान की मूर्ति स्थापित करने का मन बनाया और मूर्ति खरीदने के लिए दशहरा मैदान की ओर से कूच किया. दशहरा मैदान में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति खरीदने आए हुए हर कृष्ण भक्त ने मॉस्क लगाया था.

यहां पर सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए कृष्ण भक्तों ने समाज के बीच यह संदेश प्रसारित किया कि वे कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव करते हुए अपने आराध्य की पूजा अर्चना करना नहीं भूले. भले ही जन्माष्टमी भव्य रूप में जिले में न मिनाई गई हो लेकिन जिले में 15 हजार स्थानों पर मूर्ति की स्थापना से यह बात सिद्ध हो गई है कोरोना के कहर के दौर में भी जिले में भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों में न तो कोई कमी आई है और न ही उनके प्रति आस्था घटी है.