ED enforcement officer and associate arrested for taking bribe
प्रतीकात्मक फोटो File Photo

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    मोहाडी/भंडारा. रेत तस्कर करने देने के लिए प्रति महीना प्रति ट्रैक्टर 15000 रु. की घूस मांगते हुए मोहाडी तहसील को एसीबी की टीम द्वारा धर दबोचे जाने का मामला ठंडा नहीं पडा कि सोमवार को मोहाडी पुलिस में कार्यरत कर्मचारी के खिलापु एन्टी करप्शन ब्यूरो भंडारा की टीम ने मामला दर्ज किया. तहसीलदार के धरे जाने के बाद जिले के राजस्व विभाग को शर्मसार होना पडा था. अब रेत तस्करी के खेल में पुलिस के हाथ भी रंगे जाने की बात का पर्दाफाश होने से पुलिस विभाग को भी शर्मसार होना पडा है.

    नोटीस तालिम के लिए मांगी घूस

    सोमवार को हुई कार्रवाई में मोहाडी पुलिस में नायक पद पर कार्यरत अनुप वालदे को केवल 500 रु. की घूस मांगने के लिए उसे धर दबोचा गया. अनुप ने सोचा भी नहीं होगा कि मामूली रकम के लिए उसे एसीबी की कारवाई का सामना करना पडेगा. 

    एसीबी सूत्रों ने बताया कि 33 वर्षिय शिकायतकर्ता यह नागपुर के मौदा तहसील अंतर्गत झुल्लर का निवासी है. उसने मोहाडी पुलिस में कार्यरत अनुप टिकाराम वालदे के खिलाफ एसीबी में शिकायत दी थी.  आरोपी अनुप वालदे पर आरो है कि उसने 500 रु. की घूस मांगी थी. एसीबी ने इस शिकायत की पडताल 10 जून को की थी. इस मामले में 9 अगस्त को मोहाडी पुलिस में गुनाह दर्ज किया गया. 

    क्या है मामला

    एसीबी के अनुसार शिकायकर्ता का ट्रक मोहाडी पुलिस स्टेशन में जब्त किया हुआ है. नियम के अनुसार ट्रक का सुपूर्दनामा मिलने के लिए ट्रकमालिक को अदालत में आवेदन करना होता है. इसक पश्चात अदातल द्वारा आवेदक को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटीस जारी किया जाता है. यह नोटीस पुलिस के माध्यम से तामिल की जाती है. शिकायत है कि पुलिस नायक अनुप ने नोटिस तामिल करने के लिए 500 रु. की घूस मांगी थी एवं घूस लेने की पूरी तैयारी भी दिखाई. आरोप की पुष्टि होने के साथ ही एसीबी ने कारवाई की एवं मोहाडी पुलिस में गुनाह दर्ज किया. 

    इस कार्रवाई को एसीबी नागपुर पुलिस अधीक्षक श्रीमती रश्मी नांदेडकर, अपर पुलिस अधीक्षक मिलिंद तोतरे, भंडारा पुलिस उप अधीक्षक महेश चाटे के मार्गदर्शन में किया गया. इस कारवाई में पुलिस निरीक्षक योगेश्वर पारधी, हवालदार धनंजय कुरंजेकर,  कोमल बनकर,  सुनील हुकरे , चेतन पोटे,  दिनेश धार्मिक  ने कारवाई में हिस्सा लिया. आगे की जांच पुलिस निरीक्षक योगेश्वर पारधी कर रहे है.

    संगठित तस्करी की जांच जरूरी- विकास मदनकर

    तहसीलदार जैसे महत्वपूर्ण अधिकारी भी रेत तस्करी में लिप्त होने की बात सामने आने पर प्रशासन द्वारा इस मामले का संज्ञान लेना आवश्यक था. लेकिन मौन रखा गया. तहसीलदार के पकडे जाने के बाद भी रेत लेकर नागपुर जा रहे ट्रक एवं टिप्परों की संख्या पर कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है. प्रशासन के खामोशी से कई सवाल पैदा होते है.

    प्रशासन के अधिकारियों के पर्दाफाश होने पर अब पुलिस महकमे के लोगों की सच्चाई सामने आने लगी है. एक ओर जिला पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में अवैध कारोबारियों पर एक के बाद एक कार्रवाई की जा रही है. इससे अवैध कारोबार पर लगाम भी लग रहा है. वहां कुछ कर्मचारियों के रेत तस्करों से मिले होने से पुलिस विभाग बडी कार्रवाई की जरूरत है.

    उच्चस्तरीय जांच कराए : उमेश मोहतुरे

    सामाजिक कार्यकर्ता उमेश मोहतुरे यह अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ आवाज उठाते रहे है. उन्होने कहा कि रेत तस्करी तब तक नहीं रूक सकती है. जबतक राज्य सरकार इसे समूल खत्म करने की रणनीति न बनाए. रेत तस्करी यह संगठित अपराध है. इस मामले की उच्चस्तरीय जांच जरूरी है. क्योंकि मनमाने एवं अवैध उत्खनन एवं ढुलाई से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. बल्कि सरकारी राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.