कम लागत वाली तकनीक अपनाएं: खर्चे ने किसान को दी सलाह

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    भंडारा. जिले में धान एक पारंपरिक फसल है. जब तक इसमें कम लागत वाली तकनीक नहीं अपनाई जाती है, तब तक क्षेत्र के किसान धान नहीं उगा पाएंगे. यह बात संचालक विस्तार शिक्षा तथा संचालक संशोधक डा. वी. के. खर्चे ने कही. वे कृषि विज्ञान केंद्र, साकोली में आयोजित 19वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में बोल रहे थे.

    फसल पैटर्न को बदलना आवश्यक

    उन्होंने कहा कि अनाज की कुल उत्पादन की लागत को ध्यान में रखते हुए फसल पैटर्न को बदलना आवश्यक है. इसके लिए धान लगाने के अलावा फल, सब्जियां एवं अन्य फसलों की खेती करना जरूरी है. पिछले कुछ समय में भंडारा जिले में गन्ने का रकबा बढ़ रहा है. इस सिलसिले में वैज्ञानिकों को गन्ने की खेती से जुड़ी विभिन्न कठिनाइयों को दूर करके किसानों को प्रदर्शनों के माध्यम से मार्गदर्शन करना चाहिए. नई एवं आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर सब्जियों की फसल लगानी चाहिए. साथ ही कृषि विभाग एवं उससे जुड़े विभागों को कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के खेतों में प्रचारित तकनीक का प्रचार-प्रसार करना चाहिए.

    किसानों की समस्याओं का अध्ययन करें अनुसंधानकर्ता  

    कृषि विज्ञान केंद्र, साकोली में एकत्रित हुए वैज्ञानिक सलाहकारों को संबोधित करते हुए  खर्चे ने कहा कि वैज्ञानिकों को किसानों की समस्याओं का अध्ययन करना चाहिए. किसानों को धान की फसल प्रणाली को बदलने के लिए प्रेरित न करें. बल्कि उन्हें मार्गदर्शन करना चाहिए.

     बैठक में विभागीय कृषि संषोधन केंद्र में सहयोगी संशोधन संचालक डा. ए.वी. कोल्हे,  वसंतराव नाईक कृषि भूषण किसान घनश्याम पारधी, वरिष्ठ पैदासकार डा. जी. आर. शामकुवर, कृषि विज्ञान केंद्र साकोली कार्यक्रम समन्वयक एन.एस. वझिरे, तहसील कृषि अधिकारी एस. ए. ढवले, अन्य विभागों के अधिकारी एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे.

    स्वचालित मौसम स्टेशन का उद्घाटन

    इस अवसर पर अतिथियों के हाथों स्वचालित मौसम स्टेशन का उद्घाटन किया गया एवं मैदान पर विभिन्न प्रदर्शित  इकाइयों का दौरा किया गया. कार्यक्रम समन्वयक डा. एन.एस. वजीरे ने  विज्ञान केंद्र, साकोली ने वर्ष 2020-21 की खरीफ प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने भंडारा जिले में आयोजित प्रथम रेशम फसल प्रदर्शनी, किसानों के खेत प्रयोगों, किसान प्रशिक्षण एवं अन्य विस्तार कार्यों की जानकारी दी.

    किसानों की समस्याओं का समाधान

    बैठक में किसानों के प्रतिनिधियों के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी संबोधित किया. चर्चा के माध्यम से किसानों के सवालों का समाधान किया गया. संचालन पी.पी. परवटे एवं आभार  एस.के. लाकड़े ने किया.