Sunflag Workers Meeting

  • एड. देशपांडे का अध्ययन काम आया

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भंडारा. स्टील एवं आयरन उत्पादक कंपनियों में अग्रणी भंडारा के सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी में 13 मार्च से चली आ रही हड़ताल रविवार को खत्म होने की घोषणा स्थायी एवं ठेका कामगार संगठन नेताओं ने की. वार्ता के सफल रहने पर कामगार संगठन नेताओं के चेहरे खिल हुए थे. साथ ही कंपनी प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली. इस पूरे घटनाक्रम में केंद्रीय मंत्री तथा कामगार संगठन के अध्यक्ष नितिन गडकरी की भूमिका निर्णायक रही. वहीं कामगार संगठन के सलाहकार एड. मिलिंद देशपांडे का अध्ययन बेहद काम आया. कामगार नेताओं ने घोषणा की कि रविवार को नाइट शिफ्ट 10 बजे से कामगार काम पर लौटेंगे.

गडकरी की मध्यस्थता में हुई चर्चा में कंपनी प्रबंधन की ओर से उच्चाधिकारी सुरेंद्रकुमार गुप्ता. रामचंद्र दलवी. सतीश श्रीवास्तव एवं समीर पटेल ने हिस्सा लिया. कामगारों की ओर से कामगार संगठन सलाहकार एड. मिलिंद देशपांडे. स्थायी कामगार युनियन कार्याध्यक्ष विजय बांडेबुचे. सेक्रेटरी मिलिंद वासनिक. ठेका कामगार संगठन की ओर से कार्याध्यक्ष मो. जावेद एवं सचिव मनोहर डोंगरे ने हिस्सा लिया. बैठक में सांसद सुनील मेंढे भी उपस्थित थे.

2 दिन चली बैठक

उल्लेखनीय है कि गडकरी यह कामगार संगठन के अध्यक्ष है. इसके अलावा देश के उद्योग जगत में सबसे असरदार व्यक्ति के रूप में उन्हें देखा जाता है. ऐसे में सनफ्लैग में चल रही हड़ताल से जब उद्योग जगत में गलत संदेश जा रहा था. तब हड़ताल को खत्म करने के लिए उन्होंने कंपनी मालिक प्रणव भारद्वाज को बुलावा भेजा. इसके बाद तक यह हुआ था कि शनिवार को नागपुर में कामगार संगठन एवं कंपनी प्रबंधन के बीच वार्ता होगी एवं खुद गडकरी मध्यस्थता करेंगे.

शनिवार को तीन दौर की बातचीत हुई. बातचीत सकारात्मक रही थी. चूंकि कई बिंदुओं पर आम राय नहीं बन पाई थी. इसलिए रविवार को 11 बजे बैठने का निर्णय लिया गया. सूत्रों ने बताया कि रविवार को  1 बजे कंपनी प्रबंधन अधिकारी एवं कामगार संगठन पदाधिकारी के बीच अंतिम एवं निर्णायक वार्ता शुरू हुई. दोपहर के भोजन के बाद वार्ता आगे बढी एवं सभी मुद्दे सुलझा लिए गए.

विकास की जीत हुई : मिलिंद वासनिक

सनफ्लैग की हड़ताल के समाप्त होने पर खुशी जताते हुए स्थायी कामगार संगठन महासचिव मिलिंद वासनिक ने कहा कि उसे हार जीत की लिहाज से नहीं देखना चाहिए. इसमें कंपनी एवं कामगार दोनों ही जीते है. कामगार हितों का ध्यान रखते हुए फैसला लेने के लिए उन्होंने कंपनी प्रबंधन का धन्यवाद किया. कामगारों ने  गडकरी के कुशल नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हीं की वजह से बेहद जटिल का लगने वाला मुद्दा हल हुआ. 

सूत्रों ने बताया कि चर्चा में कई बार ऐसे प्रसंग आए जब  गडकरी ने उद्योग जगत के हस्तियों के उदाहरण दिए. अपने कामगार यूनियन में नेतृत्व की यादें ताज़ा की. उन्होंने यह भी बताया कि किसी समय उन्होंने इंटक का काम किया था.

कंपनी मालिक प्रणव भारद्वाज ने खुशी जताई

सूत्रों ने बताया कि कामगार संगठन एवं कंपनी प्रबंधन के बीच हुई चर्चा में कंपनी मालिक प्रणव भारद्वाज ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया. वे मीटिंग हाल के बगलवाले वीआईपी चेंबर में बैठे रहे. जब वार्ता पूरी हुई.  गडकरी ने प्रणव भारद्वाज को बुलाया. सूत्रों के अनुसार भारद्वाज ने भी हड़ताल के समाप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है.

करार के लिए 1 हफ्ते का समय

प्रक्रिया एवं परंपरा के अनुसार कंपनी प्रबंधन एवं कामगार संगठन के बीच वार्ता संपन्न होने के बाद एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाते हैं. एमओयू जारी करने में शाम तक का समय लगा. कंपनी प्रबंधन एवं कामगार संगठन सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच करार की प्रक्रिया को एक हफ्ते का समय लगेगा.

सांसद मेंढे ने जताई प्रसन्नता

सांसद  मेंढे ने बताया कि कामगारों की मांगों को लेकर उन्होंने इस्पात मंत्री से बात की थी. केंद्रीय मंत्री  गडकरी को भी हड़ताल से अवगत कराया गया. तब जाकर गडकरी की उपस्थिति में दोन दिन तक चर्चा हुई एवं समाधान ढूंढा गया.