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साकोली (सं). तमिलनाडु तथा आंध्रप्रदेश के बोरवेल मजदूर एबुलेंस से साकोली पहुंच गए हैं. इम मजदूरों के साकोली पहुंचने से यहां के नागरिकों में भय का वातावरण है. इन लोगों का मानाना है कि इन नजदूरों के कारण कोरोना का संक्रमण बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.

गर्मी बढ़ने तथा फसल का समय होने के कारण घर तथा खेत में बोरवेल बनाने का काम कुछ दिनों पहले ही शुरु किया है. कोरोना विषाणु के फैलाव को रोकने के मददेनज़र सरकार की ओर से जो भी प्रयास अब तक किए हैं, उस पर मजदूरों को इस तरह लाने पर सवाल भी उठाया जा रहा है.

सरकार की नई योजना के अनुसार लॉकडाउन के चौथे चरण में नर्मिाण कार्य, कृषि क्षेत्र पानी की पर्याप्त आवश्यकता होने के कारण बोरवल मजदूरों को साकोली लाया है. बोरवेल वाहनों के अधिकांश चालक तथा मालक तथा मजदूर तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक तथा राजस्थान से यहां आते हैं.

हर बोरवेल वाहन पर 10 से 12 मजदूर शष्टि के अनुसार काम करते हैं. तहसील में लगभग 30 बोरवेल वाहन कार्यरत हैं, ऐसे में इस कार्य पर 300 से 320 मजदूरों को साकोली में काम मिला है. कहा तो यह जा रहा है साकोली में आए ये मजदूर चोरी-छिपे साकोली पहुंचे हैं, इसलिए ज्यादा सर्तकता बरती जा रही है.