भंडारा (का). पशु-पक्षी तथा वन प्राणी जंगल की शान तथा गौरव है. पशुओं को भी मानव की तरह जीने की स्वतंत्रता है. भारत को अपनी वन संपदा पर अभिमान है. पशु-पक्षियों के अनेक प्रजातियां भंडारा जिले के वन क्षेत्रों के तहत हैं. कुछ क्रूर प्रवृत्ति के लोग बहुत से पशुओं की प्रजाति को समाप्त करन में लगे हए हैं. रंग-बिरंगी पशु-पक्षियों का शिकार यहां के शिकारी कर रहे हैं.
बढ़ती गर्मी तथा आग लगने की घटनाओं के कारण वन प्राणी जंगल से गांव तथा शहर की ओर भागते नज़र आ रहे हैं. राष्ट्र की इस अनमोल संपत्ति को बचाने की आज नितांत आवश्यकता आन पड़ी है. अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में बहुत से पशु- पक्षियों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा.