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भंडारा (का). कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के कारण जिले के पशुपालन व्यवसाय पर भारी असर पड़ा है. लॉकडाउन के दौर में अनेक स्थानों पर परेशानी आने के कारण इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के समक्ष भुखमरी का संकट उत्पन्न हो गया है.

लॉकडाऊन के कारण भटक्या समाज के कई परिवार इधर- उधर भटकने के लिए विवश हैं. इस वर्ष कोरोना महामारी के फैलाव के कारण लगभग सभी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को परेशानी उठानी पड़ी है. सरकार की ओर से भटके समाज के लिए कई योजनाएं हैं. लेकिन वे कागजों तक ही सीमित होकर रह गई हैं. 

भंडारा जिले में पवनी, तुमसर, लाखांदूर परिसर में आज भी धनगर समाज का मुख्य व्यवसाय पशुपालन है. इसके लिए सरकार की ओर से पंचायत समिति विभाग की ओर से बकरी पालन की योजना शुरू की, लेकिन भटक्या विमुक्त समाज को इन योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिला हैं.