भंडारा (का). कोरोना संक्रमण के डर से कृषि क्षेत्र का संपूर्ण अर्थकारण बिगड़ चुका है. लाकडाउन के कारण पिछले 3 महीनों से खेती का अर्थचक्र ही लाकडाउन हो गया है. इसमें सरकार की कर्जमाफी योजना का कामकाज अटक जाने से किसानों को इस वर्ष फसल कर्ज नहीं मिला.
नया नहीं मिला
2020 अंतिम तक अधिकतम किसानों के नाम पर फसल कर्ज बकाया रहने से इन किसानों को नया फसल कर्ज नहीं मिला है. प्रत्येक किसानों को शीघ्र फसल कर्ज दिया जाएगा. ऐसा सरकार का कहना है. इसके बावजूद भी अधिकतम किसान कर्ज के लिए बैंक के चक्कर हीं काट रहे हैं.
बीज के लिए नहीं हैं पैसे
इस कारण फिलहाल इन किसानों के पास बीज एवं खाद खरीदी के लिए पैसे नहीं होने से किसान चिंताग्रस्त हुए हैं. मजबूरन किसानों को साहूकारों के दरवाजे पर जाना पड़ रहा है. हाथों में पैसे नहीं होने के कारण किसान फिर से साहूकारों की मदद लेकर खेती मस्सगत के कार्य कर रहे हैं.