भंडारा की पहचान बनी हरियाणा स्पेशल जलेबी

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– सुधीर जोशी

भंडारा. इलाहाबाद का संगम तट हो या फिर काशी की गलियां वहां पर मिलने वाली गरमागरम जलेबी से अलग भंडारा में मिलने वाली जलेबी इसलिए अलग हैं, क्योंकि महाराष्ट्र के विदर्भ के अंतर्गत आने वाले भंडारा में हरियाणा स्पेशल जलेबी मिलती है. इस जलेबी के निर्माण में तीन राज्यों की सहभागिता है, इस जलेबी ने भंडारा में अपनी खास पहचान बनायी है. भंडारा में मिलने वाली इस जलेबी के निर्माण में हरियाणा, राजस्थान तथा महाराष्ट्र इन तीन राज्यों का योगदान है. हरियाणा के कान्या गुरुजी से जलेबी बनाने का प्रशिक्षण लेने वाले राजस्थान के जोधपुर जिले के मूल निवासी आमराराम ने भंडारा में 17 दिसंबर, 2007 को हरियाणा स्पेशल जलेबी नाम से अपनी पहली दुकान बस स्टैंड क पास शुरु की.

13 वर्ष पहले जब आमराराम ने भंडारा में अपनी पहली दुकान खोली तो उन्हें इस बात का पूरा भरोसा था कि वे आने वाले दिनों में भंडारा में स्पेशल जलेबी विक्रेता के रूप में ख्यात हो जाएंगे और हुआ भी यही. आज की तारीख में हरियाणा स्पेशल जलेबी की दुकान जलेबी के शौकीनों की पहली पसंद बन गई है. राजस्थान के जोधपुर से निकलकर महाराष्ट्र के भंडारा जिले में सिर्फ जलेबी की दुकान खोलना क्या ठीक रहेगा, इस तरह के कई सवालों का सामना करने के बाद अंतत: 17 दिसबंर, 2007 को हरियाणा स्पेशल जलेबी की दुकान बस स्टैंड के पास शुरु हुई.

आमराराम को भंडारा में स्पेशल जलेबी की दुकान खोलने के लिए उनके कुछ गोंदिया तथा नागपुर में रहने वाले रिश्तेदारों ने प्रेरित किया था. बस स्टैंड के पास की पहली दुकान खुलने के 10 वर्ष बाद यानि 2017 में हरियाणा स्पेशल जलेबी की दूसरी दुकान खात रोड़ क्षेत्र में खुली, जबकि तीसरी दुकान शास्त्री चौक में 2019 में शुरु की गई. हरियाणा, जोधपुर में बनने वाली जलेबी देशी घी की होती है, हालांकि भंडारा में बनने वाली जलेबी देशी घी की नहीं होती, लेकिन जहां तक स्वाद का मामला है, इसे खाने पर हरियाणा, जोधपुर की स्वादिष्ट जलेबी का स्वाद जीभ पर आ जाता है.  हर दिन तीनों दुकानों को मिलाकर 50 किलो जलेबी हर दिन बनती है, जबकि खोये की जलेबी पांच किलो तक बनती है. सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक हरियाणा स्पेशल जलेबी के तीनों दुकानों में जलेबी बनती है.

13 वर्ष में हरियाणा स्पेशल जलेबी भंडारा की विशेष पहचान बन चुकी है. 140 रूपए प्रति किलो की दर से बेची जाने वाली जलेबी को खरीदने के लिए सुबह से समय ज्यादा भीड़ उमड़ती है. हालांकि 13 वर्ष की अब तक यात्रा में हरियाणा स्पेशल जलेबी का कोई पक्का तथा बड़ा दुकान नहीं है, वाबजूद इसके हरियाणा स्पेशल जलेबी के खरीदने वालों की संख्या अच्छी खासी हरियाणा स्पशेल की तीनों दुकानों में खोवे की जलेबी की बनती है. यह जलेबी 280 रूपए प्रति किलो के भाव से बेची जाती है. उपवास रखने वाले लोगों के लिए यह जलेबी बनायी जाती है. दुकान के संचालक आसरा राम ने बताया है कि दुकान का कामकाज वहां काम करने वाले कारीगर ही देखते हैं और उन पर विश्वास करके ही हरियाणा की स्पेशल जलेबी भंडारावासियों का मुंह मीठा कर रही है. यहां घरों तथा विभिन्न मौकों पर होने वाले समारोह में जलेबी बनाने का ऑर्डर भी स्वीकार किया जाता है. शिवरात्रि समेत अन्य उपवास वाले पर्वों पर खोवे की जलेबी की विशेष डिमांड रहती है.

जोधपुर में खेती-बारी देखने वाले हरियाणा स्पेशल जलेबी की दुकान के मालिक कहना है कि वे चार माह के अंतराल पर एक बार भंडारा आते हैं और भंडारा में कुछ दिन रहने जोधपुर चले जाते हैं. भंडारा शहर के आलावा भंडारा के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा जिले से संबंध सभी तहसीलों में हरियाणा स्पेशल जलेबी की दुकान नहीं है. हालांकि कुछ लोगों का यह भी दावा है कि अगर बड़ी दुकान होती तो हरियाणा स्पशेल जलेबी की डिमांड और ज्यादा बढ़ जाती. बहरहाल 13 वर्ष के अब तक के सफर में हरियाणा स्पेशल जलेबी ने भंडारावासियों की बीच एक अलग पहचान बनायी है और आने वाले समय में अगर जलेबी के खरीदार बढ़े तो भंडारा शहर धान, तालाब के शहर के बाद हरियाणा स्पेशल जलेबी वाला शहर कहकर संबोधित किया जाएगा.