आग में 4 दुकानें खाक : 12 लाख का नुकसान

  • लाखनी की घटना
  • बडा हादसा टला

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भंडारा. राष्ट्रीय महामार्ग पर स्थित लाखनी में मंगलवार तडके में सिंधी लाईन चौक में अचानक लगी आग में 4 दुकानें में लाखों का माल पूरी तरह बर्बाद हो गयी. प्राथमिक अनुमान के अनुसार आग की वजह शार्ट सर्किट हो सकती है. फटाखा दुकान की वजह से आग विकराल हुई एवं अन्य दुकानों को भारी नुकसान हुआ.

प्राप्त जानकारी के अनुसार लाखनी के सिंधी लाईन चौक में कई व्यापारीक प्रतिष्ठान है. इसमें किराना, कपडा, जनरल, अनाज, कृषि केंद्र, फुल भंडार जैसी दुकानों का समावेश है. यही हाल में दीपावली को देखते हुए फटाखा दुकान भी लगायी गयी थी. मंगलवार सुबह में इन दुकानों से आग की लपटें निकलने लगी. समय रहते लाखनी में फ्लायओव्हर का निर्माण कर रही जेएमसी कंपनी को सूचित किया गया. जेएमसी के पानी के टैंकर एवं स्थानीय युवकों के सामूहिक प्रयासों से आग को फैलने से रोका गया. लेकिन तब तक 3 दुकानें चौकातील  नागराज फुल भांडार , अंबिका जनरल लेडीज कॉर्नर व फटका सेंटर जलकर पूरी तरह स्वाहा हो चुकी थी.  जबकि लक्ष्मी क्लाथ स्टोअर्स को अंशत: नुकसान का सामना करना पडा. प्राथमिक आंकडो के अनुसार कुल नुकसान 15 लाख रु. के लगभग हो सकता है. 

मंगलवार सुबह में मुख्य सडक पर मार्निंग वाक कर रहे युवकों को धुंवा निकलते हुए दिखाई दिया. उन्होने जब धुंवा कहां से निकल रहा है, इसकी खोज की. उन्होने फुल भंडार एवं फटाखा सेंटर को आग की लपटों में घिरा पाया. तत्काल पुलिस एवं जेएमसी कंपनी को सूचित किया गया. इसके अलावा भंडारा नगर परिषद की फायर बिग्रेड की मद्द मांगी गयी. जेएमसी के पानी टैँकर एवं स्थानीय युवकों की सहायता से आग पर काबू पाया गया. भंडारा फायर बिग्रेड भी पहुंची. लेकिन तब तक आग पर काबू पा लिया गया था.

कैसे लगी आग

आग कैसे लगी इसको लेकर शहर में अलग अलग अनुमान लगाए जा रहे है. बताया जा रहा है कि आग की वजह शार्ट सर्किट हो सकती है. फटाखा दुकान होने की वजह से आग ने विकराल रूप धारण किया एवं दुकानदारों को भारी नुकसान का सामना करना पडा.

उल्लेखनीय है कि फटाखा दुकान संचालन को लेकर कडे नियम है. लेकिन इन नियमों को ताक पर रख भीडभाडवाले इकाले में फटाखा दुकान चलाने की लाफरवाही एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा नजरअंदाज किए जाने की वजह से आग में कई दुकान खाक हो गयी. अगर यह आग की घटना व्यस्ततम समय में घटती. बडा हादसे का सामना स्थानीय दुकानदारों को करना पडता. यह तो अच्छा हुआ कि वार्निंग वाक  के लिए गए युवकों को आग दिखाई दी एवं आग को तत्काल बुझाया जा सका. अगर यह घटना देर रात में होती. आग को पता लगने तक पूरे बाजार में आग फैल चुकी होती.