तुमसर. देश एवं राज्य में अब तक निर्माणाधीन उड़ान पुल ढहने की अनेक घटनाए हो चुकी है. एवं कई लोगो की मॄत्यु हो चुकी है. इसी कड़ी में तुमसर रोड उड़ान पुल का निर्माण कार्य दिखाई पड़ता है. यदि समय रहते निर्माण कार्य में बदलाव नहीं लाया गया तो यातायात शुरु होते ही बहोत बड़े हादसे को टाला नहीं जा सकता है. रविवार को सुबह से बारिश होने से उड़ान पुल के निर्माण के लिए वापर किया गया रॉ मटेरियल (राख) बहने लगा था. यह सिलसिला गत 5 वर्षो से शुरु है.
मनसर से गोंदिया मार्ग पर तुमसर रोड (देव्हाडी) में उडाण पुल का कार्य चल रहा है. दोनो ओर की साईड का कार्य पुर्ण हो चुका है. अब केवल रेलवे का कार्य शेष है. लेकिन बारीश के दौरान उडाण पुल के अंदर की राख बाहर निकलना शुरु हो जाती है. इसके पूर्व उडाण पुल के उपर रोड पर 2-3 जगहों पर बहोत बड़े गड्ढे पड़ गए हैं. अभी यहां से यातायात शुरु हुई ही नहीं तो यह हालात हैं तो भविष्य में स्थिति कैसी होंगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इस तरह के उडाण पुल के कारण कभी भी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है.
इसके पूर्व देश मे निर्माणाधीन पुल ढहने से अनेक हादसे हो चुके हैं. इसमे वाराणसी में निर्माणाधीन पुल गिरने से 18 लोगों की जान गई थी. इससे पहले वर्ष 2016 में कोलकता के विवेकानंद रोड पर ही निर्माणाधीन पुल गिरा था. जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी. उसी वर्ष मुंबई गोवा हाइवे पर ब्रिटिश जमाने का पुल टूटने से 22 लोगों ने जान गंवाई थी. इस तरह अनेक दुर्घटनाए हो चुकी है.
इस कारण क्षेत्र के लोगो द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सार्व. निर्माण विभाग मंत्री, गृहमंत्री एवं मुख्य अभियंता (नागपुर) को अनेको बार निवेदन भेजकर उपरोक्त उडान पुल को निरस्त कर कालम सिस्टम का उडाण पुल बनाए जाने की मांग की गई थी. लेकिन प्रशासन द्वारा अब तक इस ओर अनदेखी ही कि गई है. सामाजिक कार्यकर्ता खुशाल नागपुरे ने इस ओर तत्काल ध्यान देने की मांग की गई है.