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  • फडणवीस के शक्ति प्रदर्शन के पहले फैसला

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भंडारा. जिला अस्पताल के शिशु केयर यूनिट में 10 मायूमों की मौत ने सबको झकझोर कर रख दिया था. घटना के 12 वें दिन जांच समिति ने रिपोर्ट सरकार को दी. किंतु रिपोर्ट में क्या लिया है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. आश्चर्य की बात है कि भंडारा जिलाधिकारी कार्यालय को भी रिपोर्ट नहीं भेजी गई है. 10 मासूमों के हत्यारों के खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज करने के लिए भाजपा का श्रृंखला अनशन जारी है. देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में मोर्चे को लेकर प्रशासन पर भारी दबाव रविवार को भी महसूस किया गया. पुलिस खुफ़िया विभाग पूरे जिले से आने वाले आंदोलनकारियों की अनुमानित संख्या को जानने भाजपा नेताओं से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष संपर्क में था.

देर रात तक जारी रही हलचलें

शिशु केयर यूनिट मामले में दोषियों के खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज होने की चर्चा जिला अस्पताल में हो रही थी. हालांकि पुलिस विभाग कुछ कहने के लिए तैयार नहीं था. समाचार लिखे जाने के समय तक इस सबंध में पुलिस की ओर से कोई अधिकृत जानकारी जारी नहीं की गई थी. 

IMA ने किये 12 सवाल

इस बीच इंडियन मेडिकल असोसिएशन राज्य इकाई खुल कर चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों के पक्ष में सामने आया है. उसने करीब 12 सवालों की सूची जारी की है. जो सवाल दागे हैं, उनमें पूछा है कि क्या राज्य के सभी सरकारी  कार्यालय व अस्पतालों का फायर आडिट हुआ है. फायर आडिट में पायी गई त्रुटियों को दूर किया गया.

अगर निजी अस्पतालों के लिए हर 6 महीने में फायर आडिट अनिवार्य होता है, फिर इसे सरकारी अस्पतालों के लिए अनिवार्य क्यों नहीं किया जाता है, प्रशासनिक त्रुटी, लापरवाही के लिए डाक्टर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा तो भविष्य में सरकारी सेवा में आने के लिए चिकित्सक उत्सुक कैसे रहेंगे, पर्याप्त स्टाफ, अपर्याप्त संसाधन की स्थिति को दूर करने सरकार क्या सोचती है, निजी अस्पतालों के लिए कई नियम कानून है, यह नियम कानून सरकारी अस्पतालों के लिए क्यों नहीं है.

सरकारी अस्पताल में उपचार लेने आए मरीजों को प्रमाणित स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अधिकार क्यों नहीं दिया जाता है. अगर सरकारी अस्पताल की आगजनी के लिए चिकित्सक को जिम्मेदार ठहराया जाता है, फिर सरकारी अस्पताल के असली मालिक जनप्रतिनिधि, प्रशासकिय अधिकारियों की ज़िम्मेदारी निश्चित क्यों नहीं की जा रही है, उनके खिलाफ कारवाई क्यों नहीं की जाती एवं अन्य कई सवाल इंडियन मेडिकल असोशिएशन ने सरकार से पूछे है.

इस प्रश्नसूची पर राज्य अध्यक्ष डा. रामकृष्ण लोंदे, सचिव डा. पंकज बेदरकर, नियोजित अध्यक्ष डा. सुहास पिंगले, कृति समिति चेअरमन डा. राजेंद्र कुलकर्णी एवं कृति समिति सदस्य डा. नितिन तुसरकर के हस्ताक्षर है. भंडारा आयएमए अध्यक्ष डा. नितिन तुरसकर ने कहा कि कार्रवाई ऊपरी मरहरपट्टी नहीं होनी चाहिए, बल्कि ऐसी दुर्घटना नहीं घटे इसके लिए सरकार को गंभीरतापूर्वक प्रयास करने की जरूरत है.

पटोले की चुप्पी पर वाघमारे ने उठाए सवाल

विस अध्यक्ष नाना पटोले से जिले को काफी उम्मीद थी. किंतु जांच समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद से शिशु केयर यूनिट मामले में उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. पूर्व विधायक चरण वाघमारे ने सवाल पूछा कि 10 मासूमों की मौत पर सरकार की असंवेदनशील कारवाई के बारे में वह क्या सोचते है. पटोले को खुलकर बताना चाहिए कि क्या वह सरकार की कारवाई से संतुष्ट है.

शिशु केयर यूनिट आगजनी के बाद इनक्यूबेटर यूनिट को मौजूदा अस्पताल की मुख्य इमारत के पीछे में अन्य एक इमारत में शिफ्ट किया गया है. जानकारी है कि इस यूनिट में स्मोक डिटेक्टर एवं अन्य सुविधाएं नहीं है. इमारत का फायर आडिट नहीं हुआ है.