ईंधन दरवृद्धि से आम लोग प्रभावित: 4 महीने से आसमान छू रहे पेट्रोल-डीजल के दाम

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    भंडारा. पिछले 4 महीनों से ईंधन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इससे आम जनता के साथ-साथ किसान भी आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं. ईंधन के दाम बढ़ने से खेती की लागत बढ़ गई है. मई में पेट्रोल की कीमत 98.29 रुपये व डीजल की कीमत 89.30 रुपये थी. सीधे जुलाई के महीने में पेट्रोल की कीमत 107 रुपये है, डीजल की कीमत 96 रुपये प्रति लीटर पहुंच चुका है. इस कारण आम लोगों ने साइकिल को तरजीह देते हुए घर के अंदर रखी साइकिलों को निकाल कर साइकिल से यात्रा शुरू कर दी है.

    आम लोगों की कट रही जेब

    पेट्रोल 106.38 पैसे प्रति लीटर, डीजल 95.76 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जाता है. वर्ष 2014 में सरकार पेट्रोल-डीजल पर 40 प्रश. टैक्स वसूल करते थे. वर्ष 2017 में 50 प्रश. व मौजूदा हालात में यह आंकड़ा 69 सवालों तक पहुंच गया है. विपक्षी दल दरों में बढ़ोतरी को लेकर कई जगहों पर धरना, मोर्चा, आवाजाही पर रोक लगाकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि दरों में बढ़ोतरी पर रोक नहीं लगाई गई है.

    सरकार करों को कम करने को ही एकमात्र समाधान मान रही है. पिछले 4 महीने से लगातार हो रही दरों में बढ़ोतरी से आम लोगों की जेब कट रही है. ईंधन की कीमत में वृद्धि से ट्रैक्टर से खेती की लागत बढ़ गई है. दाम बढ़ने से ट्रैक्टर मालिकों ने रेट बढ़ा दिया है. इसका सीधा असर फसल उत्पादन वृद्धि पर पड़ रहा है. ईंधन से चलने वाले वाहनों के दाम बढ़ने से कई लोग साइकिल को प्राथमिकता दे रहे हैं. इससे नागरिक घर के अंदर रखी साइकिलों को बाहर निकाल रहे हैं.