Schools will not start in September also, teacher friend campaign in Manpa and ZP
प्रतीकात्मक तस्वीर

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तुमसर. वर्तमान में राज्य व मुंबई में कोरोना पीड़ितों की संख्या में वृद्धि हो रही है. डब्लू. एच. ओ. की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस का दूसरा चरण विश्वभर में शुरू हो चुका है. ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग द्वारा जुलाई महीने से शालाएं शुरू करने का आदेश जारी किया गया है. इसे रद्द कर शाला व्यवस्थापन समिति, शिक्षक-पालक सभा आयोजित करने के आदेश को रद्द करने की मांग निर्माण फाउंडेशन के कमलाकर निखाड़े ने की है. 

राज्य के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री को निवेदन सौंपा गया है. निवेदन में कहा गया है कि, शालाए शुरू करने व निर्णय शाला व्यवस्थापन समिति पर डालना उचित नहीं है. कोरोना का संक्रमण कम हुआ अथवा नहीं यह बताने का अधिकार राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन का है. वह जिम्मेदारी शाला व्यवस्थापन समिति पर डालना खतरनाक ठहर सकता है. 

पालकों में चिंता
पालको में चिंता का वातावरण निर्माण हुआ है. सरकार की ओर से राज्य व मुंबई को कोरोना मुक्त होने की घोषणा करने के बाद  शाला, कॉलेज  शुरू करने के बारे में निर्णय लेना चाहिए. तब तक शैक्षणिक कार्य में बाधाए निर्माण नहीं होना चाहिए. इसके लिए  ऑनलाइन, टीवी, वर्कबुक, एक्टिविटी बुक, प्री लोडेड टैब आदि की पर्यायी व्यवस्था करने की  सूचना इसके पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा दी गई थी, किंतु राज्य के 15 प्रश मकानों में साधा टीवी भी नहीं है व 40 प्रश मकानों में स्मार्ट फोन भी नहीं है. इस कारण पढ़ाई के लिए वर्कबुक एवं एक्टिविटी बुक यही उचित विकल्प हो सकता है.

जुलाई के अंत तक वर्कबुक व एक्टिविटी बुक 3-3 महीने की छपवाकर राज्य के सभी विद्यार्थियों को घर पंहुच वितरित करें, ताकि शिक्षकों को विद्यार्थियों के  असेसमेंट करना आसान होंगे. निखाड़े ने किसी भी हालात में शाला, कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं देने, शिक्षकों ने वर्क फ्रॉम होम पद्धति से अध्यापन का कार्य शुरू रखने व शैक्षणिक वर्ष 2020-21 व 2021-22 क्लब कर, छुट्टियां कम कर  शैक्षणिक नुकसान की भरपाई करने की मांग की गई है.