कृषि में महिलाओं का योगदान असामान्य : हिंदूराव चव्हाण

  • शहापुर में महिला किसानों का जिला कृषि अधीक्षक ने किया सम्मानित

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भंडारा (का). कोरोना के कारण आज कई व्यवसायों पर परिणाम हुआ है. आज, देश की आर्थिक स्थिति केवल कृषि व्यवसाय की वजह से सुधर रही है. इस कारण से, महिलाओं को कृषि-व्यवसाय सहित कृषि-पूरक व्यवसाय के माध्यम से आर्थिक रूप से अपना एवं अपने परिवार का विकास करना चाहिए यह बात जिला कृषि अधीक्षक हिंदूराव चव्हाण ने कहीं. वह शहापूर में महिला किसान दिवस उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.

भंडारा तहसील के शहापूर में राज्य सरकार कृषि विभाग एवं प्रकल्प संचालक आत्मा भंडारा के तहत महिला किसान दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस अवसर पर भंडारा तहसील कृषि अधिकारी अविनाश कोटांगले, उपसंचालक अरूण बलसाने, भंडारा तहसील तकनीकी व्यवस्थापक सतीश वैरागडे, पर्यवेक्षक माया कांबले, सरपंच मोरेश्वर गजभिये, ग्रामसेवक महंत, प्रगतशील सेंद्रीय किसान ताना गायधने, चिखली के महिला किसान मनीषा गायधने के साथ शहापूर गांव क्षेत्र के 45 महिला किसान उपस्थित थे.

महिला किसान दिन कार्यक्रम में जिला कृषि अधीक्षक चव्हाण के हाथों मनिषा गायधने को शाल श्रीफल देकर सपत्निक सम्मानित किया गया. प्रास्ताविकता से भंडारा तहसील कृषि अधिकारी अविनाश कोटांगले ने महिलाओं को मार्गदर्शन में गृह उद्योग, बचत समूह द्वारा अचार, पापड एवं खेती व्यवसाय से जुडे दुग्ध व्यवसाय, पशुपालन, तुती बुआई पर मार्गदर्शन किया. संचालन किसान ताना गायधने ने किया. आभार सरपंच मेश्राम ने माना.

किसान ताना गायधने ने बताया कि कृषि में पत्नी द्वारा की गई पिछले 10 वर्ष की मेहनत एवं इससे होनेवाले विकास के लिए कृषि में महिलाओं का विशेष योगदान महत्वपूर्ण है. आत्मा के तहसील तकनीकी व्यवस्थापक सतीश वैरागडे ने महिलाओं को किसान बचत समूह स्थापित करने से लेकर विभिन्न प्रशिक्षण तथा किसान अभ्यास दौरे में महिलाओं को समावेश होने संबंध में मार्गदर्शन किया.