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  • किसानों के लिए खासा महत्व रखता है यह पर्व

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भंडारा (का). विदर्भ क्षेत्र में किसानों के सबसे बड़े पर्व के रूप में पहचाने जाने वाले पोला पर्व पर भी अन्य पर्वों की तरह ही कोरोना का असर दिखायी देने के प्रबल आसार हैं. किसानों की बात करें तो वे इस पर्व को किसी महापर्व से कम नहीं मानते. आगामी 18 अगस्त को पोला पर्व है और इस दिन जिले के किसान अपने-अपने बैलों को सजाकर उनकी पूजा करते हैं.

यह परंपरा लंबे समय से जारी है, लेकिन इस बार चीन से निकले कोरोना वाइरस ने पर्व प्रधान देश भारत में कुछ ऐसी पैदा कर दी है कि लोग चाहकर भी पूरी स्वतंत्रता के साथ कोई भी पर्व नहीं बना सके. कुछ ऐसी ही स्थिति पोला पर्व के मौरे पर भी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. हालांकि बाजार में पोला पर्व से जुड़ी सजावट सामग्री बिक्री के लिए आज चुकी हैं. हर किसान पोला पर्व मनाएगा, अपनी बैल जोड़ी को सजाएगा लेकिन वह अपने बैलों को सजा कर अपने घर में ही परिवार के लोगों के बीच पोला का पर्व मनाकर संतोष कर लेंगे.