Maharashtra: Electricity reached village for the first time, people celebrated Diwali
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भंडारा (का). शहरी समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण सभी को आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है, फिर भी गांव-गांव का आर्थिक गणित अच्छी तरह से चल रहा है. किसान अपने द्वारा उपजाई हुए सब्जी को तुरंत गांव में बेच रहा है, इसलिए किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार तो हो ही रहा है, साथ ही गांव भी स्वावलंबी हो रहे हैं. तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना का कहर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है.

केंद्र सरकार की ओर से 25 मार्च को पहले चरण में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की गई. लॉकडाउन से जीवनावश्यक वस्तुओं को अलग रखा गया था. सब्जियों को जीवनावश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखा गया था. सब्जी उत्पादकों ने गांव में ही सब्जी बेंचकर एक तरफ गांव की आर्थिक स्थिति मजबूत की, वहीं दूसरी ओर से गांव को स्वावलंबी बनाया है. इतना ही नहीं गांव को आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से भी प्रयास शुरु किए गए हैं.