(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

  • महिला व बालविकास कार्यालय ने बढ़ाया मदद का हाथ

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भंडारा. कोरोना की दूसरी लहर ने इलाज के दौरान कई लोगों की जान ले ली. अपने छोटे बच्चों को छोड़कर कई लोगों ने अंतिम सांस ली. इससे ऐसे बच्चों के भविष्य पर सवाल गंभीर हो गया है. जिला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा उन्हें मदद दिलाने के लिए सर्वे किया जा रहा है. जिले में अब तक 507 बच्चों का पता लगाया जा चुका है. इनमें से 5 बच्चों ने माता-पिता दोनों को खो दिया है. वही 50 बच्चों ने अपनी मां एवं 452 बच्चों ने अपने पिता को खोया है.

अब तक 1,053 लोगों की मौत

जिले में अब तक कोरोना से 1053 लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरी लहर ने जिले में पहली लहर से ज्यादा लोगों की जान ली है. इसमें 30 से 50 आयु वर्ग के कई लोग भी शामिल हैं जिनकी अप्रैल महीने में मौत हुई थी. नतीजतन, कई बच्चों ने अपने माता-पिता में से एक को खो दिया है. जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय द्वारा अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण के लिए एक सर्वेक्षण किया जा रहा है. इन सभी बच्चों की मदद की जाएगी. 

माता-पिता को खोने वालों को 1,100 रु. मदद

माता-पिता दोनों की कोरोना से मृत्यु होने की स्थिति में ऐसे बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग की बाल पालन योजना से सहायता मिलेगी. इस योजना से 1,100 रु. की मदद की जाएगी. 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को भी मदद दी जाएगी. यह राशि जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी कार्यालय की ओर से एकल अभिभावक के बैंक खाते में सीधे जमा की जाएगी.

बालगृह, बालकाश्रम में रखा जाएगा

जिला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कोरोना में अनाथ हो चुके बच्चों की तलाश की जा रही है. इससे अनाथ बच्चों के परिवार की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है. संभालने वाला कोई न हो तो बाल समिति के माध्यम से बच्चे को बालगृह, बालकाश्रम में रखा जाएगा. बच्चों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी. 

बच्चों को मिलेगा बालसंगोपन योजना का लाभ : नंदागवली

जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी विजय नंदागवली ने बताया कि प्रशासन की सूचना के अनुसार जिले के जिन बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है ऐसे बच्चों की तलाश कर रहे हैं. अब तक 507 बच्चे खोजे जा चुके हैं. जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी कार्यालय द्वारा सभी सरकारी सहायता की योजना बनाई गई है. जो बच्चे एक माता-पिता या दोनों की छत्रछाया से कोरोना के कारण वंचित हो गए हैं, वे परिवार या रिश्तेदारों के प्रति सुरक्षित हैं ऐसे बच्चों को बालसंगोपन योजना का लाभ दिया जाएगा.