संकट: सिलेंडर के दाम बढ़ने से महिलाएं परेशान, घर का बजट संभालना मुश्किल

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    पालांदूर. पिछले वर्ष के दौरान जिले में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में करीब 300 रुपये का इजाफा हुआ है. महिलाओं का बजट पूरी तरह से डगमगा गया है.  आम जनता परेशान है. अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं जबकि घरेलू गैस की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है. 

    सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के कारण नागरिकों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.  केंद्र सरकार ने देश के नागरिकों से सब्सिडी नहीं लेने का आह्वान करने के अलावा बड़ी धूमधाम से उज्ज्वला गैस योजना की शुरुआत की थी. जब ज्यादातर लोग सब्सिडी नहीं लेने का फैसला करते हैं तो गैस सिलेंडर की कीमत स्थिर रखना केंद्र सरकार का कर्तव्य बन जाता है. लेकिन केंद्र सरकार सिलेंडर की कीमत स्थिर रखने में विफल रही. इसके चलते पेट्रोल-डीजल व घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है. 

    लोगों के हाथ में काम नहीं

    पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. लोगों के हाथ में कोई काम नहीं है. लगातार हो रहे लाकडाउन के कारण लोगों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों का कारण आम जनता को काफी परेशानी हो रही है. 

     गैस का इस्तेमाल करना मुश्किल : मदनकर

    गृहिणी किरण मदनकर ने बताया कि घरेलू गैस की बढ़ती कीमतों ने ग्रामीण महिलाओं को भी परेशान किया है, जो लकड़ी से जलने वाले चुल्हे का उपयोग कर रही हैं. उज्ज्वला गैस योजना के तहत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की समस्याओं को कम करने का प्रयास किया लेकिन बाद में सरकार ने उस योजना पर ध्यान देना बंद कर दिया और गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ा दी. इसी वजह से ज्यादातर चूल्हे बिना गैस के ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं.