Students out of school-bells did not fare

  • जांच में देरी की वजह से पहले दिन नहीं बजी घंटी

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भंडारा. भंडारा शहर प्रतिबंधित क्षेत्र व जिनमें कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. उन शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को आरटीपीसीआर टेस्ट करना अनिवार्य होगा. शेष शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी केवल एंटीजेन टेस्ट के निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद स्कूल में आ सकेंगे.

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने अपने अपने जिले में स्कूल शुरू करने के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार व ज़िम्मेदारी जिलाधिकारी पर सौंपी थी. स्कूल शुरू होने के पूर्व सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य की गई, किंतु वास्तव में शिक्षकों की संख्या की तुलना में आरटीपीसीआर जांच केंद्रों की सीमित संख्या, प्रतिदिन टेस्ट करने क्षमता कम होने की वजह से जांच केंद्र के बाहर में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही थी. केंद्रों पर भीड़ देखी गई थी. यही कारण है कि 23 नवंबर को स्कूल शुरू होने के पहले दिन गिनती की स्कूलें ही शुरू हो सकी थी. शेष स्कूलों में ताले ही लटके मिले.

भंडारा जिलाधिकारी संदीप कदम ने हालात का जायजा लेने के पश्चात केवल भंडारा शहर, प्रतिबंधित क्षेत्र व जिन्हे कोविड के लक्षण है, उन शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को ही आरटीपीसीआर टेस्ट करना होगा. इन्हें छोड़कर शेष शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लिए एंटीजेन टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट की स्कूल में आने की पात्रता होगी.

स्कूल शुरू होने की राह आसान

जिलाधिकारी संदीप कदम की ओर से लिए गए बड़े फैसले के बाद भंडारा शहर छोड़ जिले की शालाओं के खुलने की राह आसान हो गयी है. उल्लेखनीय है कि स्कूल शुरू करने के लिए अभिभावकों की रजामंदी आवश्यक की गयी थी. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभाविक ज्यादा आत्मविश्वासी नजर आए है. वहीं शहर में अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने की बजाए ऑनलाइन क्लास से काम चलाकर कुछ और समय इंतजार करने की मानसिकता दिखाई है.

जिले में कुल 342 शालाओं में से सिर्फ 96 शालाएं ही शुरू हो सकी थी. आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में हो रही देरी की वजह से स्कूलें शुरू होने में दिक्कत हो रही थी. यही कारण है कि जिला प्रशासन ने एंटीजेन टेस्ट के निगेटिव आने पर शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को स्कूल में आने की इजाज़त दी. स्कूलों के बगैर किसी दिक्कत से शुरू हो सकेंगी.

जांच रिपोर्ट का इंतजार

लाखांदूर तहसील के 5 जिप के हाईस्कूल के तहत काम करने वाले शिक्षाकर्मियों की कोरोना रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने के कारण छात्र, अभिभावक व शिक्षक शैक्षणिक सत्र के आधे के नुकसान पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे है. तहसील में हाई स्कूल के तहत काम करने वाले सभी शिक्षण कर्मचारी भी अपनी कोरोना जांच से गुजरते थे. किंतु जांच रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है, इसके कारण यह देखा गया है कि तहसील के किसी भी स्कूल में कक्षाएं शुरू नहीं हुई है.