traffic jam
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  • प्रशासन की निष्क्रियता से दुर्घटनाएं बढ़ी

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भंडारा. भंडारा शहर की सड़कें, राजमार्गों पर बड़े-बड़े गड्ढे, सड़क के सभी तरफ वाहनों का जमावड़ा, इस वजह से शहर में पैदल चलने वालों को जान हथेली पर लेकर चलना पड़ रहा है. सर्वाधिक असुरक्षित मार्ग में नागपुर नाका से लेकर आरटीओ ऑफिस तक के राष्ट्रीय महामार्ग में आए दिन दुर्घटनाएं बढ़ी हैं. यहां तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. नहीं तो किसी दिन बड़ा हादसा घट सकता है. शहर यातायात का जायजा लेकर पुलिस, जिला प्रशासन एवं आरटीओ विभाग को उपाय योजना करने की आवश्यकता है.

फुटपाथ गायब

शहर की आबादी तेजी से बढ़ रही है. इसमें भी वाहन धारकों की संख्या दोगुनी हो गई है. स्वाभाविक है कि शहर की सड़कों पर वाहनों की भीड़ बढ़ गई है. लोगों के चलने के लिए कहीं- कहीं पर फुटपाथ हैं, लेकिन वहां पर अतिक्रमण है. वाहनों के पार्किंग के लिए कहीं पर भी अधिकृत पार्किंग नहीं है. दूकानदार अपनी दूकानों को सीमा के बाहर सड़क तक फैला चुके हैं. इस अतिक्रमण के अलावा सड़क पर यहां-वहां खड़े वाहनों के कारण सड़क का दम घुट रहा है. इसके कारण शहर के सभी चौराहे एवं मुख्य मार्ग पर आवागमन करना मुश्किल हो रहा है. हर पल ट्राफिक जाम की स्थिति होती है. पैदल चलना सिरदर्द बन गया है.

कहीं-कहीं तो सड़क के दोनों ओर फुटपाथ गायब हो गया है. शहर के सभी चौकों का हाल बहुत बुरा है. अनधिकृत पार्किंग और अतिक्रमण ने चौक को बेहद संकरा बना दिया है. इस स्थिति में ट्राफिक पुलिस भी हताश एवं निराश भाव से देखते हुए अपनी ड्यूटी निभाती है, क्योंकि वे किसी को भी हटने के लिए नहीं कह सकते, क्योंकि मामला नगर परिषद के अंतर्गत आता है. इस प्रतिकूल हालात में ट्रैफिक को सुचारू रूप से जारी रखने की चुनौती का सामना ट्राफिक पुलिस को करना पड़ता है.