Electricity

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    भंडारा. महावितरण विभाग ने नई नीति बनाई है, जिसमें बकाया भुगतान नहीं करने पर बिजली आपूर्ति काटने की धमकी कर्मचारियों द्वारा दी जा रही है.  कोरोना एवं प्रकृति के दुष्चक्र ने ग्रामीण क्षेत्र एवं विशेषकर किसानों की हताशा को बढ़ा दिया है. बिजली बिल के लिए कोई बहाना नहीं.  लेकिन ग्रामीणों ने महावितरण के कर्मचारियों के व्यवहार पर प्रश्नचिन्ह उपस्थित किया है. 

    कोरोना ने सारे काम ठप कर दिए थे.  जिससे ग्रामीण बिजली बिल नहीं भर पाए. इसलिए, बिजली बिल भुगतान करना नागरिकों के लिए एक समस्या बनता जा रहा है. यही कारण है कि बिजली बिल का मुद्दा हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है.

    जबरन वसूली की शिकायतें

    कृषि पंपों से बिजली हो या घरेलू उपभोक्ता, महावितरण एवं राज्य सरकार की सोच नकारात्मक रही है. उपभोक्ताओं से उम्मीद की जाती है कि आर्थिक स्थिति कैसी भी क्यों न हो, उपभोक्ता हर महीने अपने बिजली बिलों का भुगतान समय पर करें.  लेकिन मियाद पूरी होने के पहले ही महा वितरण के कर्मचारी सूचियां लेकर ग्राहक के घर पहुंच जाते हैं. तत्काल भुगतान करें अन्यथा वे बिजली काटने का चेतावनी देते हैं. 

    किसान भी परेशान

    कृषि पंप किसान, जो महावितरण के ग्राहक की श्रेणी में आता हैं, कई वर्षों से   मीटर की मांग कर रहा है. लेकिन उसे मीटर नहीं दिया जा रहा है. कृषि पंपों की उपयोगिता क्षमता के अधिक एव्हरेज बिल निकालकर भुगतान की जबरदस्ती से किसान परेशान हैं.  जब बुवाई के लिए पानी की आवश्यकता होती है, उसी समय में महावितरण द्वारा बिजली कनेक्शन काटकर  किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाती है.