Vegetable Vendors
Representational Pic

Loading

भंडारा. भंडारा शहर में नगर परिषद द्वारा 11 सितंबर से तीन दिवसीय जनता कर्फ्यू में सब्जी दुकानों पर पाबंदी लगाने की वजह से स्थानीय सब्जी दुकानदार एवं सब्जी आपूर्ति करने वाले किसान दोनों में भारी नाराजगी है. उन्होंने अत्यावश्यक सेवा में आने वाले सब्जी की बिक्री को जारी करने का आग्रह किया है.

उल्लेखनीय है कि सब्जी बिक्री यह अत्यावश्यक सेवा में आती है. इसके बावजूद जनता कर्फ्यू में पाबंदी लगाए जाने से स्थानीय नागरिक एवं सब्जी विक्रेता दोनों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है. नागरिकों ने बताया कि सब्जियां नाशिवंत होती है. जिसकी वजह से उन्हें कोई तीन-चार दिन तक रखना मुश्किल होता है. वैसे भी हर घर में फ्रिज नहीं होता एवं महंगी सब्जियों के वक्त में कोई भी व्यक्ति तीन-चार दिन के लिए लगने वाली सब्जी एक साथ खरीदी कर अपने घर में नहीं रखता. इस वास्तविकता में नगर परिषद द्वारा सब्जी बिक्री पर पाबंदी लगाना आश्चर्य से परे है.

नगर परिषद को चाहिए था कि वह जनता कर्फ्यू के दौरान सीमित समय में सब्जी बिक्री को अनुमति दे ताकि इससे लोगों को सुविधा भी होती एवं सब्जी सड़ने से बचाया जा सकता था. भंडारा शहर के सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि उनके पास में बड़ी मात्रा में सब्जी का स्टॉक है. अगर उन्हें 3 दिन तक ऐसे ही रखा जाए तो वह फेंकना ही पड़ेगा.

सब्जी के दामों में बढ़ोतरी की संभावना
सब्जी विक्रेता से जुड़े व्यापारियों ने बताया कि अगर 3 दिन तक सब्जी बिक्री बंद रहने की वजह से सब्जी विक्रेताओं को नुकसान का सामना करना पड़ा तो ऐसे में बाद में सब्जी बिक्री के दाम आसमान छू सकते हैं.

किसानों की है सब्जी मंडी
उल्लेखनीय है कि भंडारा जिले में आने वाली सब्जी यह मुख्यता जिले के विभिन्न इलाकों से आती है. भंडारा जिले में पिछले कुछ वर्षों से सब्जी उत्पादक किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है. यही कारण है कि भंडारा शहर एवं जिले का सब्जी मार्केट यह मुख्यता किसानों पर निर्भर है. ऐसे में 3 दिन से जनता परेशान होगी. सब्जी बिक्री पर प्रतिबंध से पहले ही बाढ़ की चपेट में परेशान किसान की परेशानी और बढ़ेगी.

जिला प्रशासन ने निर्णय
जिला प्रशासन को चाहिए कि वह नगर परिषद द्वारा जनता कर्फ्यू के आदेश में संशोधन करें एवं नागरिकों की सुविधा को देखते हुए सब्जी बिक्री की सीमित समय में अनुमति दे.