भंडारा (का). जून से शुरु हुआ मानसून का मौसम अब समाप्त होने को है और शारदीय नवरात्र का पर्व शुरु होने से पहले-पहले शीतकाल दस्तक देने लगती है.
इस बार अधिक मास होने के कारण मौसम में भी कुछ बदलाव देखने को मिल रहा है. हालांकि अभी शीतकाल जैसा बदलाव मौसम में देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन तड़के अगर घर से बाहर निकले तो कोहरे की चादर पसरी हुई दिखायी दे रही है.
सुबह- सुबह काम पर जाने वाले तथा सुबह टहलने वाले बताते हैं कि सुबह रास्ते पर निकलने पर आलम यह रहता है कि सामने का कुछ भी नहीं दिखता.
कोरोना महामारी के संकट के बीच कभी अतिवृष्टि, कभी अनावृष्टि तो कभी बैमौसम की बरसात के कारण किसानों को अपनी फसल से हाथ धोना पड़ा है. रात का मौसम पिछले माह की तुलना में सर्द होने लगा है. सुबह 7 बजे तक रास्तों पर चलना आसान नहीं है, रास्ते पर इतना कोहरा रहता है कि लोगों को सामने क्या यह दिखायी नहीं जाता. इस स्थिति में वाहन चालक की हालत बहुत ही खराब रहती है.
कहा जा रहा है कि सुबह गिरने वाले यह कोहरा सामान्य किस्म के धान की फसल के लिए भी हानिकारक है. समय से पहले वातावरण में कोहरा छाने से किसानों की चिंता बढ़ गई है.