Ganeshotsav
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  • इस बार सार्वजनिक नहीं पारिवारिक रूप में होगी पूजा

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भंडारा. महाराष्ट्र के महापर्व के रूप में मान्यता प्राप्त गणेशोत्सव का स्वरूप इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में बहुत बदला हुआ दिखायी देगा. चीनी विषाणु कोरोना का कहर पूरे विश्व में है. अमेरिका जैसा बड़ा देश भी कोरोना को मात नहीं दे पाया है. प्रथम वंदनीय भगवान गणेश की दस दिवसीय आराधना का विशेष पर्व गणेशोत्सव के मौके पर पूरे महाराष्ट्र में जिस तरह का वातावरण रहता है, वह देखते ही बनता है.

देश के अन्य प्रांतों की तुलना में महाराष्ट्र् में गणेश भक्तों की संख्या बहुत ज्यादा है. गणेशोत्सव के मौके पर घरेलु तथा सार्वजनिक दोनों तरह से भगवान गणेश की पूजा की जाती आ रही है, लेकिन इस बार सार्वजनिक गणेशोत्सव कम पारिवारिक गणेशोत्सव ज्यादा रहेगा. लॉकडाउन के कारण घर में ही रहने की वजह से हर कोई घर में ही है, ऐसे में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने वालों की संख्या इस बार सार्वजनिक मंडल की ओर से स्थापित किए जाने वाली गणेश प्रतिमाओं के मुकाबले बहुत ज्यादा होगा. वर्क फ्रॉर्म होम की परिकल्पना को अंगीकार करते हुए जिन लोगों ने घर से ही कार्यालय का काम सफलतापूर्वक किया, वे भी बाप्पा के पूजन की घर में ही तैयार कर रहे हैं.

आगामी 22 अगस्त से शुरु हो रहे गणेशोत्सव के लिए भंडारा के लोगों ने तैयारियां तो शुरु कर दी है, लेकिन सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की ओर से अभी तक किसी भी तरह की तैयारी नहीं की गई है. रक्षा बंधन, दही हंडी, कान्हा जैसे पर्व मनाए तो गए लेकिन इन पर्वों पर रौनक वैसी नहीं दिखी जैसी आमतौर पर इन पर्वो पर देखने को मिलती रही है. चूंकि सरकार ने विशालकाल गणेश प्रतिमाओं के निर्माण प्रतिबंध लगाया है, इसलिए मूर्तिकारों को छोटी मूर्ति बनानी पड़ रही है. सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की ओर से इस बार मूर्ति बनाने का ऑर्डर न दिए जाने के कारण घरेलु ऑर्डर पर ही मूर्तिकारों को निर्भर रहना पड़ा है. महापर्व गणेशोत्सव के निमित्त बनायी जाने मूर्तियों का निर्माण कार्य गणेशोत्सव शुरु होने के लगभग 2 माह पहले से ही मूर्ति बनाने का काम हर जिले में शुरु हो जाता है. भंडारा भी इसका अपवाद नहीं है, लेकिन इस बार न तो कहीं मूर्ति बनती दिखायी दे रही हैं और न ही सार्वजनिक मंडल की ओर से बनाए जाने वाले विशाल मंडपों का निर्माण कार्य भी शुरु हो जाता.

गणेशोत्सव राज्य के हर क्षेत्र में सादगी के साथ घर-घर में भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करके इस वर्ष मनाया जाएगा. न ढोल बजेगा, न शोभा यात्रा निकलेगी, न महाप्रसाद होगा, होगा तो सिर्फ भगवान गणेश का पूजन, आरती. वर्ष 2020 का यह सादगी से मनाया जाने वाला गणेशोत्सव लंबे समय तक याद किया जाएगा, ऐसा दावा करते हुए भंडारावासियों का कहना है कि जनहितों की रक्षा के लिए भगवान गणेश की आराधना करना समय की जरूरत है और घर में परिवार के लोगों के बीच गणेश की आराधना करने वाले लोगों को भी बड़ी सतर्कता बरतनी होगी, तभी इस पर्व को सफलतापूर्वक मनाया जा सकेगा.