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पालांदूर. बार-बार निवेदन करने के बाद वाचनालय के द्वार वाचकों के लिए खोलने के आदेश राज्य सरकार की ओर खोल दिए गए और छह माह से पुस्तकों जमा धूल हटायी गई और एक बार फिर पढ़ने वाले पुस्तकों में दिए गए ज्ञान को जानने के लिए वाचनालय में आने लगे हैं. वैश्विक महामारी के रूप में कोरोना को घोषित करने के बाद केंद्र सरकार ने संपूर्ण देश में 25 मार्च से लॉकडाउन शुरु किया गया. कोरोना का फैलाव न हो इसके लिए सरकार के कदम की सराहना की गई और चरणबद्ध तरीके से तालाबंदी में शिथिलता की गई.

चार चरणों में की गई तालाबंदी बाद धीरे-धीरे लॉकडाउन को शिथिलता दी गई और अब यह कहा जाने लगा है कि जल्दी ही भारत को कोरोना महामारी से मुक्ति भी मिल सकती है.

लॉकडाऊन के कार्यकाल में बंद कंपनियां, सरकारी कार्यालय, सभी प्रकार के आर्थिक व्यवहार ठप्प होने के काऱण देश के साथ- साथ हर राज्य की परिस्थिति बहुत विकट होती चली, जिसके कारण देश की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ी.

राज्य की विकट आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने शराब की दुकानें खोलने का निर्णय लिया गया, लेकिन सरकार के इस निर्णय का विरोध किया गया.  कुछ दिनों पहले दिनों पहले सरकार ने वाचनालय खोलने की अनुमति दी और उसी के आधार पर अब वाचनालय खोल दिए गए हैं.