भंडारा. भारतीय संस्कृति में गुरु शष्यि परंपरा के प्रतीक के रूप में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया जाता है. इस दिन भक्त अपने गुरुओं का स्मरण करते हैं एवं उनका दर्शन व पूजन करते हैं. किंतु इस वर्ष कोरोना की वजह से गुरु पूर्णिमा उत्सव घरों तक ही सीमित रहा. उल्लेखनीय है कि परंपरागत रूप से गुरु पूर्णिमा उत्सव को मनाते आ रहे लोग एवं संस्थाएं इस दिन यज्ञ भवन एवं अन्य धार्मिक आयोजन कर गुरुओं का स्मरण करते हैं. भंडारा जिले की सबसे बड़े संस्थान महर्षि वद्यिा मंदिर में गुरु पूर्णिमा उत्सव की शोभा देखने लायक रहती है.
इस दिन महर्षि वद्यिा मंदिर में बड़े पैमाने पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन होता है. यज्ञ किए जाते हैं. लेकिन इस वर्ष शाला शुरू नहीं होने की वजह से यह कार्यक्रम औपचारिकता एवं परंपरा के तौर पर गुरु परंपरा वंदन कर मनाया गया. जिले के सभी तहसीलों में गुरु पूर्णिमा उत्सव सादगी संक्षप्ति रूप में मनाया गया. वहीं राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों ने अपने मार्गदर्शक एवं गॉडफादर को शुभकामनाएं देकर उनका आशीर्वाद लेकर गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया.