Corona Virus

  • सक्रिय मरीजों की संख्या 2,000 पार

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भंडारा. जिले में कोरोना को लेकर हालात हर दिन बदतर होते जा रहे हैं. रविवार को जब 1,803 लोगों के थ्रोट स्वैब की जांच की गई. एक ही दिन में 439 मरीज मिलने का नया रिकार्ड भी कायम हो गया. जांचे गए लोगों में से कोरोना पाजिटिव मरीज मिलने की यह दर 24.35 है. जो स्वास्थ्य सेवा के लिए खतरनाक सिग्नल है. सक्रिय मरीजों की संख्या 2,052 है. आश्चर्य इस बात का है कि जिला प्रशासन हरकत में नहीं आया है. वह यह मान कर चल रही है कि नागरिकों के लिए हर दिन अपील जारी कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीती जा सकती है. लोग समझदार है. वे अपनी सुरक्षा ख़ुद कर लेगी.

भंडारा तहसील में 226 रोगी

कोरोना के बढ़ते आंकड़े इसके लिए भी डरा रहे हैं क्योंकि जिले की स्वास्थ्य सेवा पर भारी दबाव बढ़ रहा है. 439 मरीजों में से अकेले भंडारा तहसील में 226 मरीज पाए गए. अन्य तहसीलों में भी बड़ी संख्या में मरीज निकल रहे हैं. मोहाडी तहसील में 14. तुमसर तहसील में 28. पवनी तहसील में 64. लाखनी तहसील में 60  साकोली तहसील में 31 एवं लाखांदुर तहसील में 16 मरीजों की पहचान की गयी.

अब तक  1,6789 संक्रमित

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार रविवार को  439 नए मरीज मिलने के साथ ही जिले में कुल पाजिटिव मरीजों की संख्या 1,6789 हुई है. जबकि 99 मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौटे. इसके साथ ही जिले में कुल स्वस्थ्य मरीजों की संख्या 14400 है. जिले में रिकवरी रेट 85.77 है. जो दिन ब दिन गिरता ही जा रहा है. रिकवरी रेट का गिरना अच्छा संकेत नहीं है. 

2 की मौत

सूत्रों ने बताया कि पिछले साल से लेकर अब तक जिले में 1 लाख 73 हज़ार 66 लोगों के थ्रोट स्वैब की जांच की जा चुकी है. जिले में फिलहाल 2052 क्रियाशील मरीज है. रविवार को 2 मरीजों की दम तोड़ दिया. कोरोना से मरनेवालों का आंकड़ा 337 तक पहुँच गया है. जिले में कोरोना मृत्युदर 2 प्रतिशत है.

प्रशासन के एक्शन मोड का इंतज़ार

पिछले साल कोरोना की बड़ी लहर में भी भंडारा जिले में हालात लगभग स्थिर रहे. लेकिन इस साल मार्च में महीने में ही 2052 एक्टिव पेशंट है. यह आंकड़े चेतावनी दे रहे हैं कि अगर जल्द कदम न उठाए गए तो देर हो जाएगी. ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग दबाव को नहीं झेल पाएगी. कोरोना के मरीज की स्थिति में शेष रोगों के मरीजों की देखभाल पर प्रतिकूल असर पड़ता है. निजी अस्पताल या नागपुर में इलाज करने के लिए जाए यह किसी के लिए आर्थिक दृष्टि से संभव नहीं होता.

होली के बाद लाकडाउन के संकेत

प्रशासन से जुड़े लोगों के अनुसार जिस रफ्तार से कोरोना मरीजों के आंकड़े बढ़ रहे हैं. होली निपटते ही राज्य स्तर पर बड़ा निर्णय लिया सकता है  जिसमें भीड़ नियंत्रण के लिए लाकडाउन की तैयारी की जा सकती है.

सार्वजनिक रंग खेलने पर पाबंदी

धूलिवंदन पर रंगे खेलने का उत्साह रहता है. लेकिन इस बार कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. जिसे देखते हुए प्रशासन ने अपनी स्तर पर प्रतिबंध की तैयारी की है.