भंडारा. विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्य में जिला परिषद अंतर्गत कार्यरत ठेका स्वास्थ्य सेविकाओं की सेवाओं के नियमितीकरण के बारे में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सकारात्मक रवैया अपनाते हुए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए. इस संदर्भ में, महाराष्ट्र राज्य जिला परिषद स्वास्थ्य सेवा संघ के अनुरोध पर विधान भवन, मुंबई में बैठक आयोजित की गई. बैठक में अनूपकुमार यादव, प्रमुख सचिव, वित्त, नितिन गद्रे, ग्रामीण विकास विभाग के उपसचिव पंडित जाधव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
सरकार ने वर्ष 2006 के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया और एक निश्चित अवधि के लिए उनकी सेवा शुरू की. सेवा पुस्तिकाएं भी तैयार की गईं. उन्होंने इस उम्मीद में अपना काम जारी रखा कि सेवा पुस्तिका उन्हें समायोजित की जाएगी. इन सभी ने सरकारी सेवा के लिए पात्र होने की आयु सीमा भी पार कर ली है. कई जिला परिषदों के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने सकारात्मक रुख अपनाया और कुछ को सेवा में समायोजित किया. हालांकि, कुछ जिला परिषदों ने उस समय सरकार से मार्गदर्शन मांगा था. ठेका पर कार्यरत कुल 427 स्वास्थ्य सेविकाएं सरकारी सेवा में शामिल नहीं हो सकी.
पटोले ने कहा कि कोविड -19 महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली अत्यावश्यक आवश्यकताओं और आयु सीमा को पार कर चुकी सेवाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें. उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य कर्मियों को जिला परिषद की सेवा में बनाए रखने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. नाना पटोले ने बैठक के दौरान सभी मुद्दों पर चर्चा की. आभार महाराष्ट्र राज्य जिला परिषद स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष अरुण खरमाटे ने माना.